जानिए- CBI की जुबानी रेलमंत्री रहते लालू ने कैसे होटल घोटाले को अंजाम दिया
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नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के पटना और दिल्ली सहित 12 ठिकानों पर छापेमारी के मामले में सीबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा है कि जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के होटल के आवंटन को लेकर उन्होंने गड़बड़ियां की थी.
लालू के पटना-दिल्ली समेत 12 ठिकानों पर CBI का छापा, पत्नी-बेटे पर भी केस दर्ज
किन-किन लोगों पर दर्ज हुआ मामला?
सीबीआई ने कहा, ''इस मामले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, लालू के सहयोगी प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, विजय कोचर, विनय कोचर, पटना में सुजाता होटल्स के दोनों डॉयरेक्टर, डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (लारा प्रोजेक्टस) आईआरसीटीसी के पूर्व एमडी सहित कई लोगों के ऊपर सीबीआई ने पांच जुलाई को एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने इन लोगों के ऊपर आईपीसी की धारा 420, 120B, 13 1D के तहत मामला दर्ज किया है.''
Raids started at 7.30 am today and are continuing at different locations: Rakesh Asthana,CBI on Railway hotel tenders case pic.twitter.com/4Y1IEqmXwX
— ANI (@ANI_news) July 7, 2017
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टेंडर बांटने में हुई गड़बड़ियां
सीबीआई ने बताया, ''जब लालू यादव रेलमंत्री थे तब रेलवे के दो होटल बीएनआर होटल पूरी और बीएनआर होटल रांची को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था और इनकी देखभाल रखने के लिए टेंडर इशू किए गए थे. बाद में यह पाया गया कि टेंडर बांटने में गड़बड़ियां हुई हैं. ये टेंडर मिसिज सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेज को इशू हुए थे.''
लालू ने प्राइवेट कंपनी को पहुंचाया फायदा
सीबीआई ने कहा, ''प्रार्थमिक जांच में ये पाय़ा गया है कि ये टेंडर बांटने में कुछ गड़बड़ियां की गई हैं और इस प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाया गया है और इसके बदले लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को एक जमीन दी गई. पहले ये जमीन मिसिज डिलाईट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने ली जिसकी कर्ता धर्ता सुजाता गुप्ता हैं.''
सीबीआई ने आगे कहा, ''जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री नहीं थे, तब साल 2010 से 2017 के बीच में ये जमीन उनके परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्टस में ट्रांसफर कर दी गई. अस्थाना ने बताया कि यह ट्रांसफर भी बेहद कम कीमत पर किया गया, जहां सर्कल रेट के मुताबिक जमीन की कीमत 32 करोड़ रुपए थी उसे लारा प्रोजेक्ट्स को करीब 65 लाख रपए में स्थानांतरित किया गया. इन सभी मामलों में काफी गड़बड़ियां पाई गई थी, इसलिए आज इस मामले में सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी पटना, रांची, दिल्ली, भुवनेश्वर और गुड़गांव में की गई.''
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