CBI News: सीबीआई में अपने एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इस पूर्व अधिकारी गिरीश कुमार दुबे पर आरोप है कि उसने सीबीआई के डीएसपी के हस्ताक्षर वाला फर्जी नोटिस गुवाहाटी में तैनात रेलवे के एक अधिकारी को भेजा.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे में तैनात एक अधिकारी केके अग्रवाल को सीबीआई का एक नोटिस मिला था. यह नोटिस 7 अक्टूबर 2020 को जारी किया गया था और इस नोटिस पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में तैनात डीएसपी आर एल यादव के हस्ताक्षर से थे. इस नोटिस में के के अग्रवाल को निर्देश दिया गया था कि उनके खिलाफ एक जांच सीबीआई में चल रही है और इस बाबत उसे अपने तमाम दस्तावेज लेकर सीबीआई के डीएसपी के समक्ष 28 अक्टूबर 2020 को पेश होना है.
सीबीआई के मुताबिक केके अग्रवाल ने इस बारे में एक लेटर सीबीआई के डीएसपी आर एल यादव को लिखा और उनसे पूछा कि क्या उन्होंने उसे कोई नोटिस जारी किया है इस बाबत जब नोटिस पर मौजूद आर एल यादव के हस्ताक्षर देखे गए तो वे फर्जी निकले. जिसके बाद सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने इस बाबत एक आरंभिक जांच का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक, आरंभिक जांच के दौरान पता चला कि केके अग्रवाल को यह नोटिस भगवती गोल्डन कैरियर सर्विस द्वारा भेजा गया था जो कि एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड लखनऊ में स्थित है. यह भी पता चला कि यह कोरियर गिरीश कुमार दुबे नाम के शख्स द्वारा भेजा गया था.
गिरीश कुमार दुबे के बारे में जांच करने पर पता चला कि वह सीबीआई का पूर्व अधिकारी है और उसने कोरियर सर्विस वालों को यह बताया था कि आर एल यादव उनके वरिष्ठ अधिकारी हैं और क्योंकि वे दिल्ली में तैनात हैं लिहाजा कोरियर पर दिल्ली का एड्रेस दे दिया जाए ना कि लखनऊ का. जिसके बाद कोरियर सर्विस वालों ने यह नोटिस गुवाहाटी भेज दिया था.
सीबीआई की आरंभिक जांच के बाद अब सीबीआई के पूर्व अधिकारी गिरीश दुबे के खिलाफ अपराधिक षडयंत्र धोखाधड़ी समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. सीबीआई अब जानना चाहती है कि गिरीश दुबे ने यह नोटिस क्यों भेजा था और इसके पीछे उनका मकसद क्या था मामले की जांच जारी है.