Kolkata Teachers Recruitment Scam: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल में कथित शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज की है. 


कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और माणिक भट्टाचार्य इस मामले में पहले से ही कोलकाता की प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद सीबीआई टीम ने उनसे पूछताछ की. 


इन धाराओं के तहत आरोप 


बता दें कि, भट्टाचार्य को अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से गिरफ्तार किया गया था. भट्टाचार्य पर आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. मामले में साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी जैसे आरोप भी शामिल हैं. एफआईआर की एक कॉपी बुधवार (26 जुलाई) दोपहर कलकत्ता हाई कोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय के सामने पेश की गई. 


जस्टिस गंगोपाध्याय ने दिया था जांच का आदेश


मई 2022 में, जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआई को 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से गैर-शिक्षण कर्मचारियों (समूह C और D) और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने का आदेश दिया था. 


अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी?


ईडी ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री और कोलकाता के विधायक पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया. नदिया के पलाशीपारा से विधायक माणिक भट्टाचार्य को ईडी ने अक्टूबर में गिरफ्तार किया. मुर्शिदाबाद के बरवान से विधायक जीबन कृष्ण साहा को इसी साल 17 अप्रैल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.


मामले में टीएमसी नेताओं की संदिग्ध संलिप्तता तब सामने आई जब ईडी ने जुलाई 2022 में पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया. पिछले साल 19 सितंबर को दायर अपनी पहली चार्जशीट में, ईडी ने कहा कि उसने दोनों से जुड़ी 103.10 करोड़ रुपये की नकदी, आभूषण और अचल संपत्ति का पता लगाया. 


ये भी पढ़ें: 


Sidhu Moose Wala Murder: जल्द भारत लाया जाएगा लॉरेंस बिश्नोई का भांजा, अजरबैजान में पकड़ा गया था