(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जम्मू-कश्मीर के बहुचर्चित रोशनी जमीन घोटाला केस में CBI ने तीन और एफआईआर दर्ज की, पढ़ें पूरा मामला
रोशनी जमीन घोटाला कई सौ करोड़ का घोटाला बताया जाता है. कई राजनीतिक हस्तियों के नाम भी इसमें शामिल बताए जा रहे हैं. मामले की जांच जारी है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के बहुचर्चित रोशनी जमीन घोटाले मामले में सीबीआई ने अपराधिक षड्यंत्र समेत विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत तीन और एफआईआर दर्ज की है. इन सभी मुकदमों में अज्ञात लोगों समेत अज्ञात सरकारी अधिकारियों के नाम भी शामिल किए गए हैं. जबकि एक एफआईआऱ में एक शख्स का नाम जोड़ा गया है. यह घोटाला कई सौ करोड़ का बताया जाता है और इस मामले में अनेक राजनीतिक हस्तियों के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि पहला मामला राजस्व विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस मामले में जम्मू कश्मीर के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मुकदमा पहले ही दर्ज किया हुआ था. इस मामले में आरोप है कि जिला जम्मू के राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जानबूझकर राज्य की भूमि पर अवैध कब्जेदारों को अनुचित लाभ दिया था. इस लाभ के तहत जानबूझकर रोशनी अधिनियम उसके तहत बनाए गए प्रावधानों की धज्जियां उड़ा दी गई थीं. यह भी आरोप है कि इस मामले में लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए गलत तरीके से राज्य की भूमि के मालिकाना हक का हवाला दिया गया जिसके चलते राज्य सरकार के खजाने को भी भारी नुकसान हुआ.
दूसरा मामला जिला सांबा के अज्ञात अधिकारियों राजस्व विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया गया है. इस मामले में भी जम्मू कश्मीर के एंटी करप्शन ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज किया हुआ था. इस मामले में आरोप है कि लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए उन लोगों के नाम मालिकाना हक के तौर पर बताए गए जिनके नाम राजस्व रिकॉर्ड में शामिल नहीं थे.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक तीसरे मामले में एक व्यक्ति का नाम शामिल किया गया है. इस मामले में उक्त व्यक्ति समेत जम्मू के राजस्व विभाग के अधिकारियों और राजस्व विभाग के अज्ञात अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं. इस मामले में आरोप है कि सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते एक ऐसी जमीन को दस्तावेजों में नियमित दिखा दिया गया जो नियमित हो ही नहीं सकती थी. इस मामले में अभी आरोप है कि भूमि के ऊपर व्यवसायिक भवन के निर्माण के लिए आरोपी के पक्ष में एनओसी भी जारी कर दी गई.
सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक, इन मामलों में यह भी पाया गया है कि भूमि की जो दरें निश्चित की गई थी वह किसी भी सरकारी कमेटी द्वारा निश्चित नहीं की गई थी बल्कि आरोपी अधिकारियों और अन्य आरोपियों की मिलीभगत से एक दर आवंटित कर उसके तहत पैसा दिया गया था जिसके चलते सरकार के राजस्व खजाने को सैकड़ों करोड़ों का नुकसान हुआ.
फिलहाल मामले की जांच जारी है. इस मामले में जम्मू कश्मीर के एक विधायक समेत अनेक राजनेताओं के नाम भी शामिल बताए जाते हैं. सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक, जांच के दौरान इन लोगों की भूमिका सामने आने पर उनके नाम आरोप पत्र में शामिल किए जा सकते हैं.
कोरोना पर केंद्र और दिल्ली सरकार के अधिकारियों की बैठक, कल अमित शाह ने दिए थे अहम दिशा-निर्देश