International Cyber Fraud: डिजिटल दुनिया में साइबर ठगों ने देश और दुनिया की पुलिस के नाक में दम कर रखा है. ये लोग पलक झपकते ही आपकी गाढ़ी मेहनत की कमाई पर हाथ फेर लेते हैं. हिंदुस्तान में बैठे इन साइबर ठगों ने अमेरिका, कनाडा ऑस्ट्रेलिया से लेकर दुनिया भर के देशों की पुलिस की नाक में दम कर रखा है. इन साइबर ठगों को काबू करने के लिए सीबीआई ने "ऑपरेशन चक्र" चलाया है. अमेरिकन खुफिया एजेंसी एफबीआई, कैनेडियन पुलिस, ऑस्ट्रेलियन पुलिस से लेकर इंटरपोल से सीबीआई को हिंदुस्तान में बैठे इन इंटरनेशनल साइबर ठगों के लिंक मिले थे. जो यहां बैठकर विदेशियों से साइबर ठगी कर रहे थे.


अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया से लेकर दुनिया के कई देशों ने अपने लोगो के साथ लगातार हो रही इन ठगी की जांच की तो तार हिंदुस्तान से आकर जुड़ गए. इसके बाद हिंदुस्तान की जांच एजेंसी सीबीआई ने 8 राज्यों की पुलिस के साथ देश में 115 से अधिक लोकेशन पर छापेमारी करी है. पुलिस ने 2 कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए अब तक 25 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

किन राज्यों में फैला है इन साइबर ठगों का जाल


सीबीआई के मुताबिक "ऑपरेशन चक्र" के दौरान सीबीआई ने 87 लोकेशन और 8 राज्यों की पुलिस ने 28 लोकेशन पर एक साथ छापेमारी की. ये छापेमारी दिल्ली, कर्नाटक, पंजाब, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार, असम, पुणे, अहमदाबाद, राजस्थान, हरियाणा,पंजाब में की गई. इन जगहों से अब तक सीबीआई और स्टेट पुलिस साथ मिलकर कुल 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

 

इनमें पुणे और अहमदाबाद में 2 इंटरनेशनल कॉल सेंटर भी है, जहां से ठग विदेशों में लागातार साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे. पुलिस ने इनके पास से 1 करोड़ 80 लाख रुपये, डेढ़ किलो सोना भी बरामद किया है. इतना ही नही एजेंसी ने कर्नाटक में चल रहे इंटरनेशनल कॉल सेंटर के एक एकाउंट में करीब 1 करोड़ 90 लाख रुपये फ्रीज भी किये है.


कैसे कर रहे थे विदेशियों से ठगी


सूत्रों के मुताबिक हिंदुस्तान में बैठकर आपके आकाउंट से पैसा उड़ाने वाले इन शातिर साइबर ठगों के शिकार सिर्फ हिंदुस्तान में ही नही होते. बल्की विदेशी नागरिकों को भी ये अपना शिकार बनाते है. सूत्रों के मुताबिक जैसे  ये साइबर ठग किसी विदेशी के लैपटॉप में वायरस होने का पॉप अप मैसेज भेजते हैं.  फिर अपने आप को माइक्रोसॉफ्ट या किसी बड़ी कंपनी का रिप्रेजेंटेटिव बताकर एंटीवायरस डालने के नाम पर डॉलर्स में ठगी कर ले जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक कई मामलों में देखा गया है कि ये साइबर ठग वीओआईपी कॉलिंग के जरिये विदेशियों से खुद को वहां का पुलिस अफसर बताकर फोन करते हैं और उनको किसी क्राइम में शामिल होने का डर दिखाकर पैसा ऐठ लेते हैं.


विदेशों से भी जुड़े हैं तार 

 

इन साइबर ठगों के तार विदेशों में बैठे इनके गैंग के लोगों से जुड़े होते हैं. जिन्हें ये ठगी के पैसों में कमीशन भी देते थे. इसके बाद पैसा उस देश से दूसरे देश और फिर हवाला के जरिये इन तक हिंदुस्तान पहुंच जाता था. फिलहाल बुधवार शाम तक सीबीआई की ये छापेमारी इन इंटरनेशनल ठगों पर जारी थी. 

 

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