Defamatory Post Case: आंध्र प्रदेश के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किए. इस मामले में अब तक कुल 11 आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किए जा चुके हैं. साथ ही सीबीआई ने इस मामले के दो आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट भी जारी कराए हैं. यह दोनों आरोपी अमेरिका में बताए गए हैं सीबीआई इन्हें इंटरपोल के माध्यम से लाने की कोशिश कर रही है.


सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक आज जिन छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किए गए उनमें श्रीधर रेड्डी, जे. वी सत्यनारायणा, जीएस रेड्डी, श्रीनाथ एस, एस अजय और किशोर रेड्डी शामिल हैं. सीबीआई के मुताबिक यह मामला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए फैसलों में न्यायाधीशों एवं न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने से जुड़ा हुआ है. इस मामले की जांच पहले आंध्र प्रदेश पुलिस ने की थी बाद में कोर्ट के निर्देश पर यह मामला जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था.


केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी जांच के दौरान पाया था कि इस मामले के तार विदेशों से भी जुड़े हुए हैं इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इन सभी के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र कोर्ट के समक्ष दायर किए गए हैं. सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस मामले से जुड़े दो आरोपियों सी प्रभाकर रेड्डी और अन्नापुरेड्डी के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी करें. यह दोनों आरोपी फिलहाल अमेरिका में बताए गए हैं. सीबीआई इन दोनों आरोपियों को इंटरपोल की मदद से भारत लाने की कोशिश कर रही है. सीबीआई ने इन्टरपोल के माध्यम से ब्लू नोटिस जारी करवाकर विदेशों में मौजूद आरोपियों के बारे में सूचना एकत्र की है.


जांच के दौरान, मोबाइल, टैबलेट्स (Tablets) सहित कुल 13 डिजिटल गैजेट बरामद किए गए हैं. सीबीआई ने 53 मोबाइल कनेक्शनों की बातचीत का विवरण एकत्र किया है. इस मामलें में 12 आरोपियों एवं 14 अन्यों से छानबीन की जा चुकी है. छानबीन के दौरान, डिजिटल फोरेन्सिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए डिजिटल प्लेटफार्म से भी प्रमाण एकत्र किए गए हैं. आरोपियों के फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट, फेसबुक पोस्ट, ट्विट्स, फेसबुक से यू ट्यूब वीडियो, ट्विटर, गूगल आदि से सम्बन्धित सूचना एकत्र करने के लिए सी बी आई ने म्यूचुअल लीगल असिस्टेन्स ट्रीटी (MLAT) का सहारा लिया है. मामले की जांच जारी है.


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