(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
14 साल बाद मिला इंसाफ! जानें किस मामले में कोर्ट ने माकपा नेता समेत 14 लोगों को ठहराया हत्या का दोषी
कोर्ट ने सुमन पी. एस. और माकपा की कोल्लम जिला समिति के सदस्य बाबू पणिक्कर को भी भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत अपराधी को शरण देने के अपराध के लिए दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया.
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के नेता की हत्या के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता समेत 14 लोगों को दोषी ठहराया है. यह मामला साल 2010 का है, जिसमें कोल्लम जिले में एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने जिन लोगों को दोषी ठहराया है, उनमें एक जिला स्तरीय सदस्य भी शामिल है.
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जस्टिस राजीव के. एस. ने बुधवार (25 जुलाई, 2024) को मामले की सुनवाई करते हुए गिरीश, अफसल, नजूमल, शिबू, विमल, सुधीश, शान, रथीश, बीजू, रंजीत, सैली और मुनीर को हत्या का दोषी ठहराया. कोर्ट ने इन 14 लोगों को भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और हत्या के अपराधों का दोषी पाया.
कोर्ट ने उनके जमानत मुचलके रद्द कर दिए और उन्हें जेल भेज दिया. अब उन्हें 30 जुलाई को सजा सुनाने के लिए कोर्ट में में पेश किया जाएगा. सीबीआई कोर्ट ने सुमन पी. एस. और माकपा की कोल्लम जिला समिति के सदस्य बाबू पणिक्कर को भी भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत अपराधी को शरण देने के अपराध के लिए दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया.
दोनों को सजा पर सुनवाई के लिए 30 जुलाई को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है. मामले में दोषी ठहराए गए 14 लोगों के अलावा रियाज, मार्कसन येसुदास, जयमोहन और रॉयकुट्टी को बरी कर दिया गया. अभियोजन पक्ष के अनुसार इंटक नेता रामभद्रन की 2010 में उनके घर में उनके परिवार के सामने हत्या कर दी गई थी.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि हमलावर 10 अप्रैल 2010 की रात को उनके घर में घुस आए थे और उनकी पत्नी और दो बच्चों के सामने उनकी हत्या कर दी थी. बाद में पीड़ित परिवार ने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग की थी, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया.