Rose Valley scam: कोलकाता की रोज वैली कंपनी द्वारा 464 करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को त्रिपुरा की विशेष अदालत के सामने आरोप पत्र पेश किया. इस आरोप पत्र में रोज वैली कंपनी और कंपनी के निदेशक गौतम कुंडू समेत 4 लोगों को आरोपी बनाया गया गया. इस घोटाले मामले में सीबीआई ने साल 2019 में मुकदमा दर्ज किया था.
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक, इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ आज त्रिपुरा की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया है, उसमें कोलकाता की रोज वैली होटल एंड इंटरटेनमेंट लिमिटेड कंपनी, उसके निदेशक और चेयरमैन गौतम कुंडू, तत्कालीन प्रबंध निदेशक एस दत्ता, तत्कालीन निदेशक अशोक कुमार साहा और एक अन्य निदेशक रामलाल गोस्वामी के नाम शामिल हैं. सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में आरोप है कि आरोपियों ने एक षड्यंत्र के तहत जानते बूझते हुए भी धोखाधड़ी के इरादे से एक कंपनी बनाई और यह लोग उस कंपनी के निदेशक बन गए.
कंपनी अधिनियम एवं सेबी के नियमों का उल्लंघन
आरोप है कि इन लोगों ने कंपनी अधिनियम एवं सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में निवेशकों को होटलों में कमरे बुक कराने के नाम पर प्रमाण पत्र जारी किए और उसके बदले निवेशकों से जमकर पैसा लिया. आरोप के मुताबिक, इस पैसे को इधर-उधर करने के लिए इन आरोपियों ने कई और कंपनियां बनाई और खुद ही उन कंपनियों के भी निदेशक और चेयरमैन बन गए. जांच के दौरान पाया गया कि होटलों में कमरे बुक करने के नाम पर जो धनराशि ली गई थी, वह धनराशि अवैध तरीके से बाद में बनाई गई कंपनियों को स्थानांतरित की गई.
आरोप के मुताबिक, यह जानते हुए भी कि जिन कंपनियों में निवेशकों का पैसा भेजा जा रहा है, वे सारी कंपनियां घाटे की हैं, के बावजूद निवेशकों का पैसा उन कंपनियों में भेज दिया गया. दिलचस्प यह भी है कि आरोपियों ने बैंकों से पैसे निकलवाने के लिए खुद ही हस्ताक्षर किए थे. यह भी आरोप है कि कंपनी के व्यवहार और वास्तविकता के विपरीत आरोपियों ने कंपनी समूह का गलत तरीके से प्रचार किया. आम लोगों को यह बताया गया कि इस कंपनी में पैसा लगाने पर बड़े पैमाने पर लाभ हो सकता है, जबकि वास्तविकता से कोसों दूर थी.
464 करोड़ के चिटफंड घोटाले का मामला
आरोप के मुताबिक, कंपनी ने बहुत सारे लोगों को अपने एजेंट के तौर पर नियुक्त किया और कंपनी नियमों के विपरीत उच्च कमीशन दिए जाने का प्रचार करते हुए एजेंटों को धनराशि एकत्र करने के लिए उन्हें प्रेरित किया. कंपनी के इन एजेंटों की मदद से आरोपी निवेशकों को इकट्ठा करके उन्हें प्रभावशाली भाषण भी दिया करते थे, जिससे लोग उनके बहकावे में आ सके. सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में अब तक 464 करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले की बात पता चला है. इस बारे में आरोप पत्र जांच के बाद कोर्ट के सामने पेश किया गया है. मामले की जांच अभी जारी है.