दिल्ली/कानपुर: 37,00 करोड रुपये के लोन फ्रॉड के मामले में बीते मंगलवार को सीबीआई विक्रम कोठारी को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई. वहीं इसी मामले को लेकर ईडी ने एक अलर्ट जारी किया है. इसमें विक्रम कोठारी और उनके परिवार के दो सदस्यों को संभवत: देश छोड़कर बाहर जाने से रोकने के लिए ज़मीन, पानी और हवाई से जुड़े सभी रूट्स को नोटिफाइ किया है.
रोटोमैक घोटाले के आरोपी विक्रम कोठारी का अडानी से रिश्तेदारी का वायरल सच
सीबीआई और ईडी के बाद अब आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) ने रोटोमैक ग्रुप और उसके प्रमोटरों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. उनके खिलाफ कथित टैक्स चोरी की जांच के मामले में 11 बैंक खातों में लेन-देन को रोक दिया गया है. उत्तर प्रदेश में अलग-अलग बैंक शाखाओं में उनके खातों पर बीते सोमवार की रात लेनदेन पर रोक लगाई गई.
कलम बेचकर देश के सात बैंको को चूना लगाने वाले विक्रम कोठारी की पूरी कहानी
शुरुआती कार्रवाई करीब 85 करोड़ रुपए के बकाया टैक्स की मांग को ध्यान में रखकर की गई है. विभाग ने पिछली जनवरी में ग्रुप के तीन खातों में लेन-देन पर रोक लगाई गई थी. सीबीआई और ईडी उस मामले की जांच कर रही है जिसमें सात बैंकों समूहों ने कानपुर के रोटोमैक ग्रुप को 3,695 करोड़ रूपये के कर्ज दिया था. मामले बैंक से पैसे लेने के बाद उससे धोखाधड़ी करने का है.
पांच साल में फ्रॉड से बैकों को हुआ 70,000 करोड़ का नुकसान, हर महीने 382 फ्रॉड होते हैं
सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत पर रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और सोमवार को छापेमारी भी की थी. जानकारी है कि सीबीआई कोठारी को पूछताछ के लिए उन्हें अपने साथ लेकर गई है. लेकिन ये साफ नहीं हुआ है कि आरोपी को कहां लेकर जाया गया है. यह भी पता नहीं चल पाया है कि क्या उसे दिल्ली लाया जा रहा है.