2जी स्पेक्ट्रम केस: स्पेशल कोर्ट के फैसले को दिल्ली HC में चुनौती देगी CBI
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘2जी घोटाले से संबंधित फैसले की प्रथम दृष्टया समीक्षा के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि अभियोजन की तरफ से आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए पेश किए गए प्रमाणों पर संबंधित अदालत ने उचित तरीके से विचार नहीं किया. सीबीआई इस मामले में जरूरी कानूनी कदम उठाएगी.’’
नई दिल्ली: सीबीआई ने कहा है कि वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सभी आरोपियों को बरी करने के स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देगी. स्पेशल कोर्ट ने आज इस मामले में सभी 16 आरोपियों को बरी करते हुए जांच एजेंसी की तरफ से पेश मामले को खारिज कर दिया.
जांच एजेंसी को सामान्य तौर पर किसी अदालती आदेश का अध्ययन करने में महीनों का समय लगता है. जिसके बाद वह हाईकोर्ट में अपील करती है. लेकिन इस मामले में सीबीआई ने फैसला आने के कुछ घंटों के बाद ही घोषणा कर दी है कि ‘प्रथम दृष्टया’ यह समीक्षा का मामला बनता है.
सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘2जी घोटाले से संबंधित फैसले की प्रथम दृष्टया समीक्षा के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि अभियोजन की तरफ से आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए पेश किए गए प्रमाणों पर संबंधित अदालत ने उचित तरीके से विचार नहीं किया. सीबीआई इस मामले में जरूरी कानूनी कदम उठाएगी.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह अपील दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की जाएगी, प्रवक्ता ने इसका हां में जवाब दिया.
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोई को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में बरी कर दिया. कोर्ट ने 15 अन्य आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. स्पेशल कोर्ट ने 19 लोगों को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित मनी लॉड्रिंग मामले में बरी किया है. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी फैसले का अध्ययन करेगी और सबूतों और जांच के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
अधिकारियों ने कहा कि यह देखा जाना है कि क्या अदालत ने सिर्फ इस आधार पर ईडी के मामले को खारिज किया कि एजेंसी ने अनुमान के आधार पर यह जांच की है या इसके पीछे दूसरे कारण भी थे.