नई दिल्ली:  सीबीआई में मची आंतरिक कलह के बीच बड़े स्तर पर हुए तबादलों पर राजनीति गर्म हो गई है. अब इस पूरे विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन  के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं और उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा, "सीबीआई के डायरेक्टर अालोक वर्मा को किस लिए हटाया गया है, ये मोदी बताएं. वर्मा ने तो एफआईआर किया था. मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा, तो फिर उन्हें हटाकर मोदी किसे बचा रहे हैं?''


ओवैसी ने कहा, "मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के डायरेक्टर को रिहा कर देगी क्योंकि यह दिल्ली विशेष पुलिस अधिनियम के सेक्शन 4 का उल्लंघन है. मुझे जानना है कि सीवीसी ने किस सेक्शन के तहत उन्हें हटाया. पीएम मोदी भ्रष्टाचारियों को क्यों बचा रहे हैं."





बता दें कि सीबीआई में आज करीब एक दर्जन बड़े अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है. इनमें वो अधिकारी भी शामिल हैं, जो छुट्टी पर भेजे गए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर लगे आरोपों की जांच कर रहे थे.


आज सुबह-सुबह खबर आई कि प्रधानमंत्री के आदेश पर सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया. सरकार के इस कदम की आलोचना हुई तो कैबिनेट ब्रीफिंग में अरुण जेटली ने सरकार के कदम का बचाव किया. जेटली ने कहा कि ऐसा सीवीसी की सलाह पर किया गया है. उनका कहना था कि दोनों आरोपी हैं तो जांच का अधिकार सरकार के पास नहीं सीवीसी के पास है. इस पूरे मामले में कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है.


क्या है पूरा मामला


आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना पर कारोबारी मोईन कुरैशी से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं. इससे पहले राकेश अस्थाना भी पीएमओ और सीवीसी को चिट्ठी लिखकर आलोक वर्मा और कुछ अधिकारियों पर घूस लेने के आरोप लगा चुके हैं. इस पूरे मामले को देखते हुए फैसला किया गया और अस्थाना मामले की जांच कर रहे सभी अधिकारियों का ट्रांसफर कर एक नई जांच टीम बनाई गई है. सरकार चाहती है कि जिन अधिकारियों पर आरोप लगे हैं वो जांच से दूर रहें.


आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद राकेश अस्थाना मामले की जांच के लिए नई टीम बनी है. सीबीआई के एसपी सतीश डागर, डीआईजी अरुण गॉबा और वी मुरुगन शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक नई टीम ने अपना काम शुरू भी कर दिया है.


वहीं इस फैसले से नाराज डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शुक्रवार यानि 26 अक्टूबर को आलोक वर्मा मामले पर सुप्रीम में सुनवाई होगी. आलोक वर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण सुप्रीम कोर्ट में दलील रखेंगे.