नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI में चल रही खींचतान पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के उपर लगे आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुनवाई की जाए या नहीं इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी. उच्चतम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई अब कल सुबह 10.30 बजे से होगी.


आज इसको लेकर अदालत में अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि जांच एजेन्सी के डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर के बीच विवाद इस प्रतिष्ठित संस्थान की निष्ठा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा था. वर्मा और अस्थाना के बीच संघर्ष ने अभूतपूर्व और असाधारण स्थिति पैदा कर दी थी. इन दो शीर्ष अधिकारियों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना का झगड़ा सार्वजनिक हुआ जिसने सीबीआई को हास्यास्पद बना दिया. हमारा मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की इस प्रमुख जांच एजेन्सी में जनता का भरोसा बहाल हो. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि दो अधिकारियों के बीच खींचतान में केंद्र का दखल देना और कार्रवाई करना बिल्कुल जरूरी था.


इसके दौरान उन्होंने कहा कि सरकार चाहती थी कि लोगों का सीबीआई में भरोसा बना रहे. बड़े अधिकारियों के झगड़े से एजेंसी की साख को नुकसान पहुंच रहा था. अटॉर्नी जनरल ने अदालत से ये भी कहा कि भारत सरकार हैरान होकर देख रही थी कि ये दोनों अधिकारी क्या कर रहे हैं, वे लोग बिल्लियों की तरह लड़ रहे थे. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सीवीसी की तरफ से दलीलें पेश की.


दरअसल जस्टिस के एम जोसफ ने सवाल पूछा था कि अधिकारी अपने विवाद को अंदर ही रखते, सरकार और सीवीसी को फैसला करने देते तो बात अलग थी. उन्होंने सार्वजनिक आरोप लगाने शुरू कर दिए थे, रोज़ अखबारों और टीवी में खबरें आ रही थीं. चीफ जस्टिस ने इस पर पूछा कि कुछ खबरों का उदाहरण दे सकते हैं तो इस पर अटॉर्नी जनरल ने कुछ चैनल और अखबारों के नाम लिए रहे हैं जिनमें खबरें छपीं. वहीं उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी बड़ी संख्या में मीडिया रिपोर्ट हैं और इसके चलते सरकार को कदम उठाना पड़ा.


हालांकि अटॉर्नी जनरल ने कहा कि दोनों अधिकारी अब भी अपने पद पर हैं और उनकी आवास और दूसरी सुविधाएं बरकरार हैं. सिर्फ दफ्तर आने से मना किया गया है ताकि आरोपों की जांच हो सके. इसे अधिकारी को ट्रांसफर करना नहीं कहा जा सकता है.


इससे पिछली सुनवाई जो कि 29 नवंबर को करीब 4 घंटे चली थी, उसमें सुनवाई को कोर्ट ने इस बात तक सीमित रखा था कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का आदेश कानूनन वैध है या नहीं. कोर्ट ने उसी दिन आदेश दिया था कि 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि वर्मा के ऊपर लगे आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर भी सुनवाई की जाए या नहीं.


क्या है मामला?
सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. इस मसले को अलग-अलग याचिकाओं के जरिए कोर्ट में रखा गया है.


CBI की लड़ाई पर 5 दिसंबर को अगली सुनवाई, SC तय करेगा CVC जांच रिपोर्ट पर भी विचार हो या नहीं