नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई में कथित भ्रष्टाचार के बाद अंदरुनी कलह सामने आ गई है. आज सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है. वर्मा की जगह एम नागेश्वर को अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया है. नागेश्वर पद संभालते ही एक्शन में दिख रहे हैं. उन्होंने सीबीआई के एक दर्जन से अधिक अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है. ट्रांसफर किये गये अधिकारियों में सीबीआई डीएसपी अजय बस्सी का भी नाम है जो राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज केस की जांच कर रहे थे.


सीबीआई ने डीआईजी आशीष कुमार सिन्हा, डीआईजी तरुण गॉबा, डीआईजी जसबीर सिंह, डीआईजी आशीष प्रसाद, डीआईजी केआर चौरसिया, एचओबी राम गोपाल और एसपी सतिश डागर को ट्रांसफर कर दिया है. डीएसपी एके बस्सी को एसीबी पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है और एडिशनल एसपी एसएस गुम को एसीबी जबलपुर बनाकर भेजा गया है.





सीबीआई ने जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया है उनमें ज्वाइंट डायरेक्टर पर्सनल अरूण कुमार शर्मा, मुरगेसेन, ए सांई मनोहर और अमित कुमार भी हैं. ए सांई मनोहर को चंडीगढ़ से दिल्ली लाया गया है.


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केंद्र सरकार ने विवादों में उलझे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से सारे अधिकार वापस ले लिए हैं. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि देश की इस शीर्ष जांच एजेंसी के इतिहास में यह पहला इस तरह का मामला है. एक सरकारी आदेश में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नियुक्ति समिति ने मंगलवार की रात संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई निदेशक का प्रभार दिया.


वर्मा ने दी चुनौती
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने खुद को छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कोर्ट शुक्रवार को वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगा. वर्मा ने संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम निदेशक बनाने के सरकार के फैसले को भी चुनौती दी है.


आपको बता दें कि आलोक वर्मा के ही आदेश पर राकेश अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है.


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