नई दिल्ली: सीबीआई का झगड़ा आज दिनभर राजनीति का मुद्दा बना रहा. सुबह-सुबह खबर आई कि प्रधानमंत्री के आदेश पर सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया, सरकार के इस कदम की आलोचना हुई तो कैबिनेट ब्रीफिंग में अरुण जेटली ने सरकार के कदम का बचाव किया. जेटली ने कहा कि ऐसा सीवीसी की सलाह पर किया गया है. उनका कहना था कि दोनों आरोपी हैं तो जांच का अधिकार सरकार के पास नहीं सीवीसी के पास है. इस पूरे मामले में कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है.
CBI Vs CBI: छुट्टी पर भेजे गए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, नागेश्वर राव बने अंतरिम निदेशक
इस मामले में सीबीआई ने अपने दफ्तर ही छापेमारी के बाद डीएसपी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है. देवेंद्र शर्मा फिलहाल रिमांड पर हैं. स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना का भी नाम एफआईआर में है, जिसे रद्द करवाने के लिए अस्थाना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इसपर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा, तब तक के लिए अस्थाना को गिरफ्तारी से छूट मिली है.
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- इस पूरे विवाद में ऑल इंडिया मज्लिस ए इतेहादुल मुसलिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं. ओवैसी का कहना है कि सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा को किस लिए हटाया गया है, ये मोदी बताएं. वर्मा ने एफआईआर किया था, मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा, तो फिर हटाकर मोदी किसे बचा रहे हैं?
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के झालावाड़ में सीबीआई संकट पर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर ने राफेल के कागज मंगवाए थे. प्रधानमंत्री ने कल रात सीबीआई राफेल पर सवाल उठा रही थी.
- अरुण जेटली ने कहा, ''सराकर ने इस मामले पर जो भी आदेश दिया है वो सीवीसी की सिफारिशों पर दिया है. इस पूरे मामले पर विपक्ष के आरोप बकवास हैं, क्या विपक्ष को मालूम है सीबीआई में क्या हो रहा है?''
- अरुण जेटली ने कहा, ''सीवीसी के पास सारा दोनों के आरोपों का मटेरियल है. कल सीवीसी ने अपनी मीटिंग में ये सिफारिश की इन आरोपों की जांच ना ये दोनों आरोप लगाने वाले अधिकारी कर सकते हैं, ना ही इनकी निगरानी में कोई टीम कर सकती है. इसलिए जब तक इस मामले की जांच होगी तब मामले निश्पक्षता बनाए रखने के लिए इन दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया है. इसलिए एसआईटी बनाी गई है जो इन दोनों आरोप लगाने वाले अधिकारियों के अंतर्गत नहीं है.''
- सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर पहली प्रतिक्रिया आई है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ''केंद्रीय जांच एंजेसी इस देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. इसलिए उसकी संवैधानिक अखंडता बनी रहनी चाहिए. सीबीआई की ऐतिहासिक छवि है कि जब देश में कोई बड़ा मामला आता है तो कहते हैं कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. आज विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. सीबीआई के दो बड़े आधिकारी डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. सरकार इस मामले की जांच नहीं कर सकती. सीबीआई एक्ट के मुताबिक सीवीसी इस मामले की जांच कर सकता है. ये उन कानूनों के संबंध में हैं, वो मामले जो भ्रष्टाचार से जुड़े हैं.''
- सीबीआई मामले में एक और बड़ा एक्शन है. राकेश अस्थाना मामले की जांच कर रहे इंवेस्टिगेटिंग ऑफीसर डीएसपी अजय बस्सी का तबादला हुआ. अजय बस्सी को दिल्ली से पोर्ट ब्लेयर भेजा गया.
- एम नागेश्वर राव ने कल रात में ही सीबीआई के अंतरिम निदेशक पद का चार्ज संभाला लिया था. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यालय में अब कोई भी कमरा या फ्लोर सील नही है. बता दें आज सुबह सीबीआई मुख्यालय के 10वें और 11वें फ्लोर को जांच के लिए सील किया गया था. जानकारी के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय में अभी भी जांच जारी है.
- प्रशांत भूषण ने कहा- सरकार ने रातों रात आदेश निकाल कर आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को हटाकर एम नागेश्वर राव को एक्टिंग डायरेक्टर बना दिया. ये जानते हुए कि उनपर पहले से ही गंभीर आरोप लगे हैं. ये सबकुछ देखकर हमने फैसला किया है कि हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका देंगे. हमें ये भी पता चला है कि आलोक वर्मा ने खुद इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया है जिस पर परसों सुनवाई होगी.
- वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सीबीआई की उठापटक पर बड़ा बयान दिया है. प्रशांत भूषण ने सीबीआई में हो रही उठा पटक को राफेल सौदे से जोड़ दिया. प्रशांत भूषण ने कहा- सरकार की ओर से पूरी कवायद राकेश अस्थाना को बचाने के लिए हो रही है. हमें लगता है कि शायद ये राफेल पर हमारे आरोपों को सीबीआई जांच से बचाने के लिए ये सबकुछ हो रहा है.
- आज केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह से सीबीआई में मचे बवाल को लेकर पत्रकारों ने सवाल पूछा. लेकिन जितेंद्र सिंह बिना किसी जवान के ही निकल गए.
- छुटी पर भेजे जाने से नाराज डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. परसों यानी शुक्रवार को आलोक वर्मा मामले पर सुप्रीम में सुनवाई होगी. आलोक वर्मा की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण सुप्रीम कोर्ट में दलील रखेंगे.
- अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव सीबीआई मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
- सीबीआई संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी के घर कैबिनेट की बैठक शुरू. इसके बाद प्रधानमंत्री सभी मंत्रियों से मुलाकात करेंगे.
- सीबीआई में मचे घमासान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया है. सुरजेवाला ने ट्वीट किया- ''मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में 'आखिरी कील' ठोंक दी है. सीबीआई का व्यवस्थित विध्वंस और बदनामी अब पूरी हो गयी है. एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी अखंडता, विश्वसनीयता और दृड़ता खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया.''
- फिलहाल सीबीआई मुख्यालय में किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है. अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के नेतृत्व में टीम छापेमारी कर रही है.
- सीबीआई के दो अधिकारियों पर गाज गिरी है. ज्वाइंट डायरेक्टर मनीष सिन्हा और एके शर्मा को हटाया गया.
- ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है.
- सीबआई हेडक्वार्टर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया गया है. इन दोनों फ्लोर पर ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के दफ्तर हैं.
- सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजा गया है.
CBI की अंदरूनी कलह का पूरा मामला है क्या?
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.
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सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.
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सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है.
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