पश्चिम बंगाल में सीएम ममता ने खत्म किया ‘सत्याग्रह’, अब 14-15 फरवरी को दिल्ली में देंगी धरना
इससे पहले वरिष्ठ नेता शरद यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू ने ममता बनर्जी से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए धरना खत्म करने की अपील की थी.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपना धरना खत्म कर दिया है. साथ ही ममता बनर्जी ने एलान किया है कि वह 14 और 15 फरवरी को राजधानी दिल्ली में धरना देंगी. ममता बनर्जी रविवार से कोलकाता में सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में धरना पर बैठी थीं. सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को शारदा चिटफंड मामले में सीबीई के सामने पूछताछ के लिए पेश होना होगा.
धरना खत्म करने के बाद ममता बनर्जी ने इसे संविधान और लोकतंत्र की जीत बताया. ममता ने कहा, ''यह धरना संविधान और लोकतंत्र की जीत है, इसलिए आज इसे समाप्त करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आज सकारात्मक फैसला दिया है. अब अगले हफ्ते हम दिल्ली में इस मुद्दे को उठाएंगे.'' उन्होंने कहा, '' मोदी सरकार राज्य एजेंसियों सहित सभी एजेंसियों को भी नियंत्रित करना चाहती है. पीएम मोदी को इस्तीफा देकर वापस गुजरात चले जाना चाहिए. ये सरकार एक आदमी सरकार है, एक पार्टी की सरकार है.''
सुप्रीम कोर्ट में आज क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राजीव कुमार जांच में सहयोग करें. सीबीआई के सामने पूछताछ के लिए पेश हों. ये पूछताछ मेघालय की राजधानी शिलांग में होगी. फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कोर्ट आज सीबीआई की तरफ से दाखिल अवमानना याचिका पर भी नोटिस जारी किया. सीबीआई ने ये कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को साफ आदेश दिया था कि वो सीबीआई की जांच में सहयोग करें. लेकिन अधिकारी लगातार जांच में अड़चन डाल रहे हैं. कोर्ट ने इस पर राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, डीजीपी वीरेंद्र और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोलीं ममता- ये हमारी नैतिक जीत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ममता ने अपनी नैतिक जीत बताया है. ममता बनर्जी ने कहा, ''यह एक नैतिक जीत है, हम सभी संस्थाओं का सम्मान करते हैं. यह आदेश सीबीआई के लिए भी है कि वो एक आपसी सहमति से पूछताछ कर सकते हैं. राजीव कुमार ने कभी नहीं कहा कि पूछताछ के लिए नहीं आएंगे. लेकिन सीबीआई अचानक से संडे को ऑपरेशन चलाकर उन्हें गिरफ्तार करने आई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. हम इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हैं. इससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा.''
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दीदी की दादागिरी पर लगी रोक- बीजेपी
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दीदी की दादागिरी पर रोक लग गई है. बीजेपी ने यह भी कहा, ‘’पश्चिम बंगाल में गुंडागर्दी और अराजकता का प्रतीक बन गई तृणमूल कांग्रेस सरकार पर शीर्ष अदालत का फैसला एक तरह से कटाक्ष है जो अपने आप में इस बात को भारतीय राजनीति में प्रतिस्थापित करता है कि ममता बनर्जी का दो दिन से चल रहा बनावटी विरोध प्रदर्शन गरीबों का लूटने वालों के संरक्षण के अतिरिक्त कुछ नहीं है.’’ बीजेपी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शारदा चिट फंड मामले में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की.
शरद यादव-चंद्रबाबू नायडू ने की थी ममता से धरना खत्म करने की अपील
इससे पहले वरिष्ठ नेता शरद यादव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू ने ममता बनर्जी से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए धरना खत्म करने की अपील की थी. शरद यादव ने इस संबंध में ममता से फोन पर बात की थी. वहीं, चंद्रबाबू नायडू ने कोलकाता में बनर्जी से धरना स्थल पर मुलाकात की थी.
फटाफट जानें अबतक क्या हुआ?
बता दें कि रविवार तीन फरवरी को सीबीआई ने चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ की कोशिश की थी. जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने सीबीआई अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया था. मामला इतना बढ़ा की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति पैदा हो गई. ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगा दिया और धरने पर बैठ गई. अगले दिन चार फरवरी को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को शारदा चिटफंड मामले में सीबीई के सामने पूछताछ के लिए पेश होना होगा. हालांकि सीबीआई उन्होंने गिरफ्तार नहीं कर सकती.
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