Abdul Karim Tunda: फिर जेल जाएगा अब्दुल करीम टुंडा! 1993 बम धमाकों के दोषी के खिलाफ याचिका दाखिल करने की तैयारी में CBI
Abdul Karim Tunda: 1993 में देश में सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को अजमेर की अदालत ने गुरुवार को रिहा कर दिया था. इस रिहाई के खिलाफ CBI याचिका दाखिल करेगी.
Abdul Karim Tunda: सीबीआई 1993 के सिलसिलेवार ट्रेन विस्फोट मामले में अजमेर की एक विशेष अदालत द्वारा अब्दुल करीम टुंडा को बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. एजेंसी ने कहा कि मामले में अब तक 12 लोगों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें इरफान और हमीर-उल-उद्दीन भी शामिल हैं, जिन्हें गुरुवार को टाडा अदालत के न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने टुंडा को बरी कर दिया.
एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि वे फैसले का अध्ययन कर रहे हैं और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाएगी. टाडा अदालत के आदेशों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाती है. साल 1993 में पांच-छह दिसंबर की मध्यरात्रि लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में राजधानी एक्सप्रेस सहित लंबी दूरी की छह रेलगाड़ियों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए थे. विस्फोटों में दो लोग मारे गए थे और 22 अन्य घायल हुए थे. संबंधित मामले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिए गए थे, जिसने मामले में पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की थीं.
Central Bureau of Investigation to appeal against acquittal of Abdul Karim Tunda, the main accused in 1993 serial bomb blasts case
— ANI (@ANI) March 1, 2024
बाबरी विध्वंस की बरसी पर हुआ था ब्लास्ट
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘जांच से पता चला कि विभिन्न आरोपियों ने अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाए जाने की घटना को एक साल होने पर बड़े पैमाने पर जनता में दहशत फैलाने और प्रतिष्ठित रेलगाड़ियों में बम विस्फोट जैसे आतंकी कृत्यों को अंजाम दिया. एजेंसी ने 21 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिनमें से 15 को 20 साल पहले 28 फरवरी, 2004 को अजमेर की टाडा अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उच्चतम न्यायालय ने इनमें से 10 दोषियों की सजा बरकरार रखी थी. वांछित आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी टुंडा (81) बम विस्फोट मामले में वांछित आरोपियों में से एक था और उसे भारत-नेपाल सीमा के पास एक गांव से 2013 में गिरफ्तार किया गया था. टाडा अदालत ने कल गुरुवार को टुंडा को मामले में बरी कर दिया था.
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