GST Indirect Tax: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड (CBIC) ने साफ किया है कि धार्मिक स्थलों से जुड़े सरायों या विश्राम गृहों में कमरा किराए पर लेने पर पहले की तरह जीएसटी से छूट जारी है. बोर्ड ने मीडिया में छपी उन खबरों को गलत बताया है जिनमें ये यह दावा किया गया है कि धार्मिक स्थलों से जुड़े विश्राम गृहों और सरायों पर सरकार ने जीएसटी लगा दिया है.
ट्वीट में कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल की चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में जो फैसला लिया गया उसके मुताबिक अगर किसी साधारण होटल या विश्राम गृह में 1000 रुपये से कम का कमरा बुक किया जाता है तो उस पर जीएसटी की पहले से जारी छूट खत्म कर दी गई और 12 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया. लेकिन बोर्ड के मुताबिक यह फैसला किसी धार्मिक स्थल से जुड़े विश्राम गृह पर लागू नहीं होता है. इन विश्राम गृहों में अगर 1000 रुपये से कम का कमरा बुक किया जाता है तो उस पर पहले से जारी जीएसटी की छूट आज भी जारी है.
CBIC ने खबरों को निराधार बताया
दरअसल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के आसपस स्थित 3 सराय और विश्राम गृहों में कमरा लेने पर जीएसटी लिए जाने और बोर्ड की ओर से इन तीनों विश्राम गृहों को नोटिस दिए जाने की खबरें आ रही थीं. बोर्ड ने इन खबरों को बिल्कुल गलत और निराधार बताया है.
सोशल मीडिया पर गसत सूचना
सोशल मीडिया और मीडिया के कुछ हिस्सों में यह कहा जा रहा था कि अमृतसर में श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से चलाए जा रहे 3 सरायों ने 18 जुलाई से जीएसटी का भुगतान शुरू कर दिया है. इनमें गुरु गोविंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास शामिल हैं. बोर्ड ने साफ कर दिया है कि इन तीनों को कोई नोटिस नहीं भेजा गया है और इन तीनों ने खुद से ही जीएसटी देना शुरू कर दिया है. बोर्ड की ओर से 28 जून 2017 का नोटिफिकेशन भी ट्वीट किया गया है जिसमें इस छूट का ज़िक्र किया गया था. बोर्ड ने इन तीनों सरायों से जीएसटी छूट का फायदा लेने का आग्रह किया है. इसी मुद्दे पर आम जनता पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी.