कोरोना के चलते रद्द हुई 10वीं की परीक्षा, ग्रेडिंग के लिए तय होगा फॉर्मूला, असंतुष्ट होने पर बाद में हो सकता है एग्जाम
आधिकारिक बयान से साफ़ है कि किसी भी सूरत में 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 जून से पहले होने की संभावना नहीं है. वहीं सरकार के फ़ैसले के मुताबिक़ इस साल 10वीं की परीक्षा नहीं होगी.
इस साल 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शरीक होने वाले छात्रों के लिए एक राहत वाली ख़बर आई है. कोरोना की दूसरी लहर के चलते केंद्र सरकार ने फ़ैसला किया है कि इस साल 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है. वहीं 12वीं की परीक्षा फ़िलहाल टालने का निर्णय लिया गया है.
कोरोना के चलते अपनी परीक्षाओं को लेकर दुविधा में चल रहे लाखों छात्रों की दुविधा दूर करने के लिए आज ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल की. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक़, “4 मई से शुरू होने वाली 12वीं की परीक्षा को फ़िलहाल टाल दिया गया है. 1 जून को इस बारे में दोबारा समीक्षा कर परीक्षा कराने को लेकर विचार किया जाएगा. छात्रों को कम से कम परीक्षा शुरू होने के 15 दिनों पहले जानकारी दे दी जाएगी.”
आधिकारिक बयान से साफ़ है कि किसी भी सूरत में 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 जून से पहले होने की संभावना नहीं है. वहीं सरकार के फ़ैसले के मुताबिक़ इस साल 10वीं की परीक्षा नहीं होगी. बैठक में ये तय किया गया कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों की ग्रेडिंग के लिए एक फॉर्मूला तय करेगा. हालांकि वैसे छात्र जो अपनी ग्रेडिंग से संतुष्ट नहीं होंगे और परीक्षा देना चाहेंगे वैसे छात्रों के लिए बाद में परीक्षा आयोजित की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी 12वीं की तरह ही 10वीं की परीक्षा भी स्थगित करना चाहते थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के चलते छात्र पहले से ही परेशान हैं लिहाजा उनकी मदद की जानी चाहिए.
इन दोनों परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग पिछले कई दिनों से की जा रही थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बारे में पीएम मोदी को पत्र लिखा था. कल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम को पत्र लिखकर परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी. सरकार के फ़ैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने मांग की कि 12वीं की परीक्षा भी रद्द होनी चाहिए.
इस वर्ष 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 21,50,761 छात्रों को जबकि 12वीं में 14,30,247 छात्रों को शरीक होना था. दोंनों को मिलाकर 35,81,008 छात्र इस बार परीक्षा में बैठने वाले थे.
ये भी पढ़ें: Board Exams 2021: कोरोना के कारण कई राज्यों की बोर्ड परीक्षाएं टलीं, जानिए देश के 10 राज्यों का हाल