CBSE Class 10th 12th Board Exam 2022- 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार 22 जुलाई को 12वीं और फिर उसके बाद 10वीं का भी रिजल्ट जारी कर दिया है. पिछली बार के मुकाबले इस बार कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट काफी बेहतर रहा है.12वीं के कुल 1.34 लाख बच्चों ने 90 फीसदी से ज्यादा मार्क्स प्राप्त किए हैं तो वहीं 10वीं का रिजल्ट भी अच्छा रहा है और 94.40 प्रतिशत छात्रों ने इस बार सफलता हासिल की है.


सीबीएसई ने एबीपी न्यूज को दी बड़ी जानकारी...


इस बार सीबीएसई बोर्ड 10वीं की परीक्षा 26 अप्रैल से 24 मई 2022 तक आयोजित की गई थी तथा 12वीं की परीक्षा 26 अप्रैल से 15 जून 2022 तक आयोजित की गई थी. बोर्ड ने कहा है कि साल 2022-23 सत्र की परीक्षाएं अगले साल 15 फरवरी से आयोजित की जाएंगी. 


डॉ संयम भारद्वाज से एबीपी न्यूज ने एक्सक्लूसिव बातचीत की और बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड के नतीजे एक ही दिन जारी कर दिए हैं. 


सवाल : क्या कारण रहा कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे एक ही दिन देने के पीछे ? क्या आप लोगों पर ज्यादा दबाव था ? 


जवाब: दबाव नहीं था! हमने कोरोनावायरस के कारण परीक्षाएं देर से आयोजित की थी, बच्चों को परीक्षा के बीच में समय ज्यादा मिल सके इसलिए परीक्षाओं का अंतराल भी ठीक था. लेकिन ऐसे में नतीजे जल्द से जल्द जारी करने थे.


सवाल : इस वर्ष टॉपर की लिस्ट और मार्कशीट पर डिवीजन नही जारी किया गया है, इसके पीछे क्या कारण है ? 


जवाब: छात्रों के बीच नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए और उन्हें प्रतिस्पर्धा से दूर रखने के लिए ये कदम उठाया गया. छात्रों के बीच तनाव का माहौल ना बने ये हमारी कोशिश है. 


सवाल : अमूमम परीक्षा के बाद 45 दिन का समय पेपर को चेक करने में लगता है. लेकिन इस बार समय से पहले नतीजे जारी हुए. कोई खास मकसद ?


जवाब: रिजल्ट वक्त से पहले आया है. इस बार का रिजल्ट दो परीक्षाओं का रिजल्ट है. हमारा पहला फोकस कक्षा 12 के नतीजों पर थे, जिससे कि उन छात्रों को परेशानी ना हो जिन्हे कॉम्पिटेट एक्जाम देने हैं या बाहर जाना है. दूसरे हम छुट्टी के दिन नतीजे नहीं घोषित करना चाहते थे. ऐसे कई बच्चे थे जिन्हे टर्म 1 में Covid हुआ तो किसी को टर्म 2 में, ऐसे केस को भी गंभीरता से देखा गया और नीति के तहत उनका रिजल्ट भी जारी किया गया है.


सवाल : परीक्षा में दोनो टर्म के 30 :70 रेश्यो के पीछे क्या तर्क या कारण हैं? 


जवाब: पहली बार Covid के कारण दो भागों में परीक्षा आयोजित की गई. बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज चल रही थीं. टर्म 1 ऑब्जेक्टिव के लिए बच्चों के लिए नुकसान ज्यादा था या तो पूरे मार्क्स या जीरो इसलिए इसे 30% वेटेज दिया गया. टर्म 2 नॉर्मल परीक्षा थी जिसे बच्चे देते आए हैं. इसलिए 30:70 का रेश्यो रखा गया था.


सवाल : नए सेशन में क्या पहले की तरह साल में एक बार परीक्षा आयोजित होगी ? 


जवाब: 15 फरवरी 2023 से नए सेशन की बोर्ड परीक्षाएं होंगी. बच्चों को अगले साल की तैयारी करने का वक्त अभी से मिल जाएगा. ये Annual परीक्षा होगी.


सवाल : इस साल का पासिंग परसेंटेज कैसा रहा ? 


जवाब: अगर साल 2019, 2020, 2021 और 22 की तुलना करनी है तो साल 21 की तुलना नहीं करनी चाहिए क्योंकि वो कोरोनकाल था. 2020 के साथ तुलना करना ठीक होगा. इस साल का पासिंग परसेंटेज 12वीं और 10वीं दोनो का ही बहुत अच्छा रहा है. 


सवाल : सरकारी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल स्कूलों की पासिंग परसेंटेज में पूर्व के वर्षों से इतना फर्क क्यों ?


जवाब: 2020 और 2022 की तुलना करने पर ये हम समझ सकते हैं कि ऐसे छात्र सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं जिन्हे टेक्नोलॉजी , स्मार्टफोन, नेट कनेक्टिविटी नही थी. टेक्नोलॉजी डिवाइस के कारण उनके नतीजे प्रभावित हो सकते हैं साथ ही ऑब्जेक्टिव पैटर्न के कारण भी ऐसा हुआ होगा. 


सवाल :अब नॉर्मल एनुअल परीक्षा आयोजित होंगी अगले साल से ? 


जवाब: हां , अब साल में एक परीक्षा आयोजित की जाएगी और 15 फरवरी से परीक्षा आयोजित की जाएंगी.


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