नई दिल्लीः सोनिया गांधी के दामाद और रॉबर्ट वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले सीसी थंपी की आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पूछताछ के लिए 3 दिन की रिमांड अवधि और बढ़ा दी. ईडी का तर्क था कि थंपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. एजेंसी कुछ लोगों को उनसे आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करना चाहती है. थंपी पर आरोप है कि उन्होंने कुछ रक्षा सौदों में भी भूमिका निभाई है. सी सी थंपी को आज रिमांड अवधि पूरी होने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया.


कोर्ट में ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें अभी सीसी थंपी से पूछताछ के लिए और समय चाहिए. क्योंकि, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच का दायरा काफी बड़ा है और 3 दिन के भीतर पूरी पूछताछ नहीं हो सकी है,


थंपी के वकील ने रिमांड का किया विरोध


इस पर थंपी के वकील ने अदालत के सामने रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि ईडी अब तक 30000 से ज्यादा दस्तावेज अपने कब्जे में ले चुका है. थंपी 16 बार ईडी के सामने पेश हो चुका है. 100 घण्टे से ज्यादा पूछताछ हो चुकी है. थंपी के भागने की कोई गुंजाइश नहीं है.


वकील ने कहा कि उसको प्रोटेस्ट कैंसर भी है हमने कानून का सम्मान करते हुए अग्रिम ज़मानत की याचिका नहीं लगाई. इस केस में दूसरे आरोपी को अग्रिम ज़मानत मिल चुकी है. हमने किसी सबूत से छेड़छाड़ नहीं कि. न ही गवाहों को प्रभावित किया. साथ ही ईडी ने पिछले तीन लगातार थंपी से पूछताछ की है. ऐसे में उन्हें और रिमांड पर नहीं भेजा जाना चाहिए.


ईडी के वकील का तर्क


ईडी के वकील का तर्क था कि थंपी जांच में पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहे हैं. कुछ अहम गवाहों के साथ उनकी आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जानी है और कुछ दस्तावेजों से भी उनका आमना-सामना कराया जाना बाकी है. ईडी के वकील ने यह भी कहा कि कानून के मुताबिक उन्हें थंपी को 15 दिन तक रिमांड पर लेने का अधिकार है और क्योंकि जांच अभी बेहद अहम मोड़ पर है लिहाजा पूछताछ की जरूरत है.


तीन दिन के लिए बढ़ी रिमांड


दोनों पक्षों को सुनने के बाद ईडी के विशेष जज ने थंपी की रिमांड अवधि 3 दिन के लिए और बढ़ा दी. अब थंपी को 24 जनवरी की दोपहर 2:00 बजे कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. ध्यान रहे कि थंपी को सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का बेहद करीबी बताया जाता है.


थंपी पर यह भी आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा और अन्य कुछ लोगों का काला धन थंपी ने इधर से उधर करने में विशेष भूमिका निभाई है. यह भी आरोप है कि लंदन स्थित जिस फ्लैट को तथाकथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा का बताया जाता है उसे थंपी की कंपनी ने खरीदा था और छापेमारी के बाद कंपनी का नाम और उसके निदेशक आनन-फानन में हटा दिए गए थे.


स्काईलाइट दुबई की कंपनी का वाड्रा से कोई लेना नहीं


इस कंपनी का नाम भी स्काईलाइट बताया जाता है और रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी का नाम भी स्काईलाइट है. हालांकि, यह सफाई दी गई थी कि स्काईलाइट दुबई की जो कंपनी है उसका रॉबर्ट वाड्रा से कोई लेना-देना नहीं है.


आरोप है कि थंपी ने दुबई वाली स्काई लाइट कंपनी का नाम बदलकर मेफेयर कंपनी कर दिया था. ईडी सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है. थंपी को शुक्रवार को मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था.


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