जानिए- वीजी सिद्धार्थ ने कैसे कैफे कॉफी डे का साम्राज्य खड़ा किया, 1996 में खुला पहला सीसीडी
कभी दोस्तों के साथ टाइम पास करने के लिए तो कभी छोटी-मोटी मीटिंग के लिए तो कभी कॉफी का लुत्फ उठाने के लिए कुछ लोग सीसीडी का रुख करते हैं. आज हम आपको बताते हैं कि कैसे बना यह कैफे.
नई दिल्लीः कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बरामद कर लिया गया है. वीजी सिद्धार्थ का शव मैंगलुरु के नेत्रावती नदी से बरामद किया गया है. वह सोमवार से लापता थे. बताया जा रहा है कि उन्होंने नदी में कूदकर जान दे दी. वह अपनी कंपनी पर कर्ज के कारण परेशान चल रहे थे. वीजी सिद्धार्थ की शादी कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा की बेटी से हुई थी. फाइनेंशियल कंपनी से नौकरी शुरू करने वाले सिद्धार्थ अपने हुनर के दम पर कारोबार शुरू किया. कैफे कॉफी डे चेन की शुरुआत कर इसे एक अलग मुकाम दिया. वीजी सिद्धार्थ ने चिक्कमगलुरु कॉफी को दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया.
जानिए कौन हैं वीजी सिद्धार्थ?
वीजी सिद्धार्थ का परिवार करीब 140 साल से कॉफी का व्यवसाय करते आ रहे हैं. मैंगलोर यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय से MA करने वाले वीजी सिद्धार्थ ने अपने शुरुआती करियर में शेयर बाजार में दबदबा बनाया.
वह मुंबई में 1983-1984 में जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड में नौकरी शुरू की. जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड के साथ दो साल काम करने के बाद वह बैंगलोर लौट आए. जिसके बाद खुद का बिजनेस शुरू किया.
विदेशी निवेश से बढ़ी पूंजी
वीजी सिद्धार्थ ने सिवन सिक्योरिटीज नामक एक कंपनी के साथ 30,000 रुपये में शेयर बाजार कार्ड खरीदा, जिसे साल 2000 में ‘वे 2 वेल्थ सिक्यूरिटी लिमिटेड’ के रूप में नाम दिया गया.
साल 1985 तक वह 10 हजार एकड़ कॉफी खेतों के मालिक बन चुके थे. जब 90 के दशक में कॉफी ट्रेडिंग का उदारीकरण हुआ तो बागानों में विदेशी निवेश होने के बाद पूंजी काफी बढ़ा गया.
साल 1993 में अमाल्गमैटेड बीन कॉफी ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड (ABCTCL) बना. दो साल में कंपनी भारत से दूसरी सबसे बड़ी निर्यातक बन गई.
पहली बार बेंगलुरु में खुला CCD
1996 में पहली बार बेंगलुरु में ब्रिगेड रोड पर पहला सीसीडी (CCD) स्टोर खोला गया. शुरुआती समय में कॉफी के साथ इंटरनेट की सुविधा दी जाती थी जिसके लिए चार्ज लिया जाता था. बाद में केवल कॉफी का चार्ज लिया जाने लगा.
सीसीडी का स्वामित्व कॉफी डे ग्लोबल के पास है. यह कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी है. आज सीसीडी में लगभग 1,700 कैफे, करीब 48,000 वेंडिंग मशीनें, 532 कियोस्क और 403 ग्राउंड कॉफी बेचने वाले आउटलेट हैं.
मौजूदा समय में वीजी सिद्धार्थ के पास 12,000 एकड़ (4047 हेक्टेयर) कॉफी का बागान है. 2015 के फोर्ब्स की सूची में उनकी कुल संपत्ति 1.2 बिलियन डॉलर है.
सीसीडी के अलावा, वीजी सिद्धार्थ ने एक हॉस्पिटैलिटी चेन की शुरुआत की. इस चेन को 7 स्टार रिसॉर्ट सीराई और सिकाडा चलाता है. इसके अलावा कई कंपनियों में शेयर है.
वीजी सिद्धार्थ पर साल 2017 में कर चोरी का आरोप लगा था. कर्नाटक और गोवा क्षेत्रों के इनकम टैक्स के अधिकारियों ने मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और चिकमंगलूर में 20 से अधिक जगहों पर छापे मारे थे. इस छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों से 650 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद हुई थी.
कर्नाटक: 36 घंटे बाद बरामद हुआ कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव, सोमवार से लापता थे