इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने घोषणा की कि कोविशल्ड नए म्यूटेंट को रोकने में सफल है. दरअसल सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने वैक्सीन की एक जांच रिपोर्ट तैयार की है जिसके मुताबिक कोविशल्ड नए म्यूटेंट B.1.617 से लड़ने में कारगर है. ये डबल म्यूटेंट वायरस पिछले साल की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना गया है. इस वायरस की वजह से देश के 10 राज्य भयानक स्थिति से गुजर रहे हैं. महाराष्ट्र में भी लगातार बढ़ रहे कोविड मरीजों की संख्या का जिम्मेदार ये नया म्यूटेंट B.1.617 ही है. वैज्ञानिकों ने पहले आशंका जताई थी कि नए म्यूटेंट पर कोविशल्ड काम करेगी या नहीं क्योंकि वायरस पहले से ज्यादा शक्तिशाली है, लेकिन ICMR ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि वैक्सीन नए वेरिएंट से हमें सुरक्षा देने में सक्षम है.


कोविड से बचने के लिए कारगर है कोविशल्ड


सीसीएमबी के निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पहले वैक्सीन को लेकर संदेह था, क्योंकि नए वेरिएंट के प्रभाव से लोग डर गए थे लेकिन अब इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि वैक्सीन हमें सुरक्षा प्रदान करेगी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि ये एक बहुत ही उत्साहजनक परिणाम है.


डबल म्यूटेंट ने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में फैलाया संक्रमण


विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड को डबल म्यूटेंट कहना गलत होगा क्योंकि ये 15 म्यूटेशन का एक विशाल समूह हैं, जिसने महाराष्ट्र में लगभग 60 से 70 प्रतिशत लोगों को संक्रमित किया है, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 5 प्रतिशत से भी कम लोग इस नए म्यूटेंट से संक्रांति हैं.


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