OLA Uber Service: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण CCPA ने ऑनलाइन कैब सेवाएं देने वाली कंपनियों ओला और उबर को अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है. सीसीपीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमने ओला और उबर दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस पिछले एक साल से कैब सेवा प्रदाताओं के खिलाफ बढ़ती उपभोक्ता शिकायतों और अन्य अनुचित व्यापार आचरण से संबंधित हैं."


सरकार ने बीते 10 मई को कैब प्रदाताओं के साथ हुई बैठक में चेतावनी दी थी. अगर वे अपनी व्यवस्था में सुधार और उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों का समाधान नहीं करती हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्राधिकरण ने नोटिस का जवाब देने के लिए ओला और उबर को 15 दिन का समय दिया है.


पहले भी मिल चुकी है चेतावनी


दरअसल सरकार ने को ओला और उबर कंपनी के अफसरों को कुछ दिन पहले भी तलब किया था, जिसमें इनके अनुचित व्यापार तरीकों की शिकायतों (complaints) पर चर्चा हुई. किराये की गणना, अधिक कीमत (Surge Price), यात्रा रद्द करने की पॉलिसी और ग्राहक संबंधी डाटा की सुरक्षा के बारे में भी सवाल पूछे गए. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, 'हमने उन्हें ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों के बारे में कंपनियों को बताया है.'


जीरो टॉलरेंस


केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा है कि कैब कंपनियां अनुचित व्यापार तरीकों से उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन न कर सकें. यह सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही परामर्श जारी करेंगे. सरकार आने वाले दिनों में इन कंपनियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाएगी.


खरे ने ये भी कहा कि कैब कंपनियों से यह भी पूछा कि एक से दूसरी जगह जाने के लिए विभिन्न लोगों से अलग-अलग किराया क्यों वसूला जाता है. कंपनियां नए ग्राहकों को लुभाने के लिए एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर सेवाओं के लिए उनसे कम किराया लेती हैं, जबकि मौजूदा या फिर पुराने ग्राहकों से अधिक शुल्क वसूलती हैं.


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