नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा से पहले भारत ने अमेरिका से नौसेना के लिए 24 मल्टीरोल हेलीकॉप्टर, रोमियो खरीदने का फैसला किया है. बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने 2.6 बिलियन डॉलर की इस डील को मंजूरी दे दी.


अमेरिकी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन द्वारा तैयार ये 'एमएच60आर' हेलीकॉप्टर एंटी-सबमरीन और एंटी-सर्फेस (शिप) वॉरफेयर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इन रोमियो हेलीकॉप्टर्स को समंदर में सर्च एंड रेस्कयू ऑपरेशन में भी इस्तेमाल किया जाता है.


देश की सुरक्षा से जुड़े सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि अभी तक ये साफ नहीं है कि इस सौदे पर ट्रंप की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर होंगे या नहीं. माना जा रहा था कि बुधवार को हुई सीसीएस मीटिंग में अमेरिका से दो और सौदों पर विचार होना था लेकिन माना जा रहा है कि इन पर अभी फैसला नहीं हुआ है. ये थी राजधानी दिल्ली की हवाई सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वैपन सिस्टम और थलसेना के लिए छह अपाचे हेलीकॉप्टर.


जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना को इन एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स की बेहद जरूरत थी. क्योंकि नौसेना के एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स, सीकिंग काफी पुराने पड़ चुके हैं. ये सीकिंग हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात हैं. इसके अलावा कोचिन शिपयार्ड में तैयार हो रहा स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत, विक्रांत के लिए भी नौसेना को इन एमएच-60आर हेलीकॉप्टर्स की जरूरत है.


बेहद ही एडवांस ये अमेरिकी रोमियो हेलीकॉप्टर हैलफायर मिसाइल, रॉकेट और टॉरपीडो से लैस हैं और जरूरत पड़ने पर समंदर मे कई सौ मीटर नीचे दुश्मन की पनडुब्बी को तबाह कर सकते हैं. भारत को ये हेलीकॉप्टर करीब 21 हजार करोड़ (2.6 बिलियन डॉलर) में अमेरिका से मिलेंगे.


हिंद महासागर में जिस तरह लगातार चीन और पाकिस्तान की पनडुब्बियां भारत के लिए चुनौती बनती जा रही हैं उससे निपटने के लिए भारत को इन रोमियो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर्स से खासी मदद मिलेगी.


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