मनसुख को मारने के लिए कलवा स्टेशन से सचिन वाजे ने कलवा स्टेशन से खरीदे थे रुमाल, CCTV से हुआ खुलासा
एनआईए के सूत्र बताते हैं कि वो हर बिंदु को जोड़ रहे हैं जो इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने में उनकी मदत करे और कोर्ट में भी आरोपियों को सजा दिलवाई जा सके. इसी सिलसिले में एनआईए ने उस रुमालवाले का बयान भी दर्ज किया है.
मुंबई: नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी यानी कि एनआईए पिछले कई दिनों से मनसुख हिरण हत्या और एंटीलिया कांड मामले की जांच कर रही है. इसी मामले में अबतक पांच लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है जिसमें से तीन तो पुलिस अधिकारी मुंबई पुलिस विभाग में तैनात थे, एक निलंबित कॉन्स्टेबल है और एक क्रिकेट बुकी.
5 मार्च को जब मनसुख का शव मुंब्रा रेती बंदरगाह से मिला था उस समय उनका चेहरा एक मंकी कैप से ढका हुआ था, जिसमें कई रूमाल पाये गए थे. हालही में जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि वे सारे रुमाल 4 मार्च के दिन कलवा रेलवे स्टेशन के बाहर एक रुमाल बेचने वाले के पास से ही किसी ने खरीदे थे. आरोप है कि वो शख्स कोई और नहीं बल्कि सचिन वाजे था.
एनआईए के सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया कि उन्हें कुछ सीसीटीवी फुटेज उस इलाके के मिले हैं जिसमे एक शख्स रुमाल खरीदता हुआ दिखाई दे रहा है. यह शख्स हूबहू सचिन वाजे की तरह ही दिखाई दे रहा है. एजेंसियों को यह भी शक है कि वो सारे रुमाल का इस्तेमाल मनसुख का चेहरा ढकने के लिए किया गया होगा.
एनआईए के सूत्र बताते हैं कि वो हर बिंदु को जोड़ रहे हैं जो इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने में उनकी मदत करे और कोर्ट में भी आरोपियों को सजा दिलवाई जा सके. इसी सिलसिले में एनआईए ने उस रुमालवाले का बयान भी दर्ज किया है.
शुरुआत में वाझे ने हरकिसी को झूठ कहा था कि वो घटना के समय मुम्बई में थे. लेकिन एटीएस और एनआईए की जांच ने उसके झूठ से पर्दा उठा दिया. दोनों ही एजेंसियों को इतने सीसीटीवी फुटेज मिले है जो वाझे कि हर बात को झूठा ठहरा रहे हैं.
सीसीटीवी के मुताबिक वाझे 4 मार्च को करीब 8 बजकर 30 मिनट पर कलवा स्टेशन पहुचा था. वहां उतारने के बाद वो स्टेशन के पास ही रुमाल वाले के पास गया और उससे कई रुमाल भी खरीदे.
रुमाल में क्लोरोफॉर्म नही मिला!
एजेंसियां शुरुआत में ये कयास लगा रही थी कि उन रूमालों में शायद से क्लोरोफॉर्म इस्तेमाल किया गया होगा जिससे मनसुख को बेहोश किया गया होगा. जिस समय ये रुमाल मिले थे उसे तुरंत ही मुम्बई के कलीना फ़ॉरेंसिक लेब्रोटरी में भेज दिया गया था.
कलीना फ़ॉरेंसिक वालों ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उन रूमालों में क्लोरोफॉर्म का कोई अवशेष नहीं मिला है. कलीना फ़ॉरेंसिक में कुल 6 रुमाल भेजे गए थे. एनआईए ने अब सेकंड ओपिनियन लेने के लिए वो सारे रुमाल सेंट्रल फ़ॉरेंसिक साइंस लेब्रोटरी पुणे को भेजे हैं जिसकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
इस मामले में गिरफ्तार निलंबित एपीआई सचिन वाजे, निलंबित कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे, क्रिकेट बुकी नरेश गोर और निलंबित एपीआई रियाजुद्दीन काजी ये जेल कस्टडी में हैं तो निलंबित इंसेक्टर सुनील माने एनआईए कस्टडी में है.