एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने अरुणाचल प्रदेश में चीन से सटी‌ एलएसी का दौरा किया. नए साल पर सीडीएस ने एलएसी पर तैनात भारतीय सैनिकों, वायुसेना के अधिकारियों और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की. लेकिन उनके इस दौरे पर आकर्षण का केंद्र रहा स्पेशल फ्रंटियर फोर्स यानी एसएफएफ के जवानों से मुलाकात.


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने चीन से सटी एलएसी का किया दौरा


सेना के मुताबिक, सीडीएस ने वायुसेना की पूर्वी कमान (उत्तर-पूर्व के राज्यों) के तहत आने वाले फॉरवर्ड एयरबेस का दौरा किया. उन्होंने खासतौर से अरूणाचल प्रदेश में थलसेना की उन अग्रिम चौकियों का दौरा किया जहां सड़क के रास्ते जाना मुमकिन नहीं है. वहां तक पहुंचना सिर्फ हेलीकॉप्टर के जरिए ही संभव है. जनरल रावत ने वहां तैनात सेना के जवानों के साथ आईटीबीपी के जवानों से भी मुलाकात की. इसके अलावा सीडीएस ने एसएफएफ के जवानों से मुलाकात कर हौसला बढ़ाया.


आपको बता दें कि एसएफएफ में तिब्बत मूल के ही सैनिकों की भर्ती की जाती है. एसएफएफ को ‘विकास’ के नाम से भी जाना जाता है और इसका मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर उत्तराखंड के चकराता में है. पिछले साल 29-30 अगस्त की रात को एसएफएफ कमांडोज ने पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में कैलाश रेंज पर 'प्रिम्पटिव ऑपरेशन' किया था. उससे सेना की विकास-रेजीमेंट की जमकर तारीफ हुई. ये कार्रवाई उरी के बाद पीओके में घुसकर सेना की पैरा-एसएफ रेजीमेंट की तरह ही थी.


नए साल पर सैनिकों, वायुसेना, आईटीबीपी जवानों से मुलाकात की 


चीनियों को एसएफएफ के ऑपरेशन की भनक तक नहीं लग सकी थी. हालांकि, कार्रवाई के दौरान एसएफएफ के एक कमांडो लैंडमाइन की चपेट में आकर वीरगति को प्राप्त हो गए और एक कमांडो घायल हो गया. दौरे के क्रम में सीडीएस ने भारतीय‌ सैनिकों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य से परे जाकर जवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं. उससे साबित होता है कि भारतीय सैनिकों को कर्तव्य-पथ से कोई अडिग नहीं कर सकता.


उन्होंने विषम परिस्थितियों में भारतीय सैनिकों के नए तरीकों से देश की सीमाओं की निगहबानी को काबिले-तारीफ बताया और कहा कि उनकी ऑपरेशनल तैयारियां अव्वल दर्जे की हैं. इस मौके पर सीडीएस‌ ने अरूणाचल प्रदेश के वालोन्ग स्थित वॉर मेमोरियल पर '62 के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. अरूणाचल प्रदेश के वालोन्ग, लोहित और देबांग इलाकों के जिन दूसरे फॉरवर्ड एरिया का जनरल बिपिन रावत ने दौरा किया वे नागालैंड के दीमापुर स्थित सेना की 3 कोर (सिपयर कोर) के अंतर्गत आती है. इस कोर कमांडर के तौर पर जनरल बिपिन रावत अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उस दौरान एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल बाल बच गए थे.


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