CDS Bipin Rawat Death: सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मौत से पूरा देश गमगीन है. जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस थे ऐसे में उनका जाना निश्चित तौर पर देश के लिए एक बड़ा झटका कहा जाएगा. जनरल बिपिन रावत के साथ ही उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी मौजूद थीं. मधुलिका रावत की बात की जाए तो उनकी साल 1986 में जनरल बिपिन रावत से शादी हुई थी. एक तरफ जनरल बिपिन रावत देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए आगे बढ़ते रहे तो दूसरी तरफ मधुलिका रावत भी उनके साथ साथ चलते हुए सामाजिक कार्य भी करती रहीं. जब जनरल बिपिन रावत सेना में सर्वोच्च पद पर पहुंचे और उसके बाद सीडीएस की जिम्मेदारी संभाली तो मधुलिका रावत आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही सेना के जवानों के परिवार वालों के लिए काम करने लगीं.


कई वर्षों से AWWA के जरिए कर रहीं थी काम


मधुलिका रावत वैसे तो पिछले कई सालों से आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़ी थीं और एक प्रमुख पदाधिकारी के तौर पर मधुलिका रावत सेना के जवानों की विधवाओं के लिए कई जनहित और कल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी. जनरल बिपिन रावत के सेना प्रमुख और सीडीएस बनने के बाद मधुलिका रावत ने परिवार संभालने के साथ साथ आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाली. आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन यानी AWWA सेना के जवानों की पत्नियों, बच्चों, जवान के परिवार वालों और आश्रितों के कल्याण के लिए काम करने वाली नोडल संस्था है. इसकी स्थापना 1966 में की गई थी.


ये संस्था युद्ध में जान गंवाने वाले शहीदों की पत्नियों और आश्रितों की भलाई और उनके परिवार के लिए योजनाएं बनाने का काम करती है. AWWA के अलावा मधुलिका रावत अलग अलग तरह के सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थीं. मधुलिका रावत सालों से कैंसर पीड़ितों के लिए भी काम कर रही थीं. मधुलिका रावत को जानने वाले उनके जाने से बेहद दुखी और भावुक हो रहे हैं. इन्हीं में से एक मधुलिका रावत की दूर की बहन सरिता सिंह हैं जो इस दुर्घटना के बाद मधुलिका रावत के परिवार और उनकी दोनों बेटियों से मिली तो काफी भावुक हो गईं.


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इसी वर्ष लांच किया था ‘सेना जल’


आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर मधुलिका रावत ने इसी साल 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर सेना जल लांच किया था. सेना जल को लॉन्च करने का मकसद साफ था कि देश के लोगों को विदेशी कंपनियों के बोतल बंद पानी लेने की बजाय सेना जल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके जिससे कि उससे जो कमाई हो वो शहीदों के बच्चों की पढ़ाई में इस्तेमाल की जा सके. इसके साथ ही शहीदों के आश्रितों के विकास के लिए मधुलिका रावत और भी कई तरह के कार्यक्रमों और अभियानों से जुड़ी हुईं थी. 


सदमे में है जनरल को जानने वाले


जनरल बिपिन रावत और उनके परिवार को जानने वाले लोग उनके जाने के सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं. परिवार के करीबी लोगों का कहना है कि इस दुर्घटना का सबसे ज्यादा असर उनकी दोनों बेटियों पर पड़ा है क्योंकि इस एक दुर्घटना से वो अनाथ हो गई हैं. माता-पिता दोनों का साया सिर से उठ गया है और फिलहाल दोनों बेटियों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. 


फिलहाल जनरल बिपिन रावत का पूरा परिवार तो गमगीन है ही लेकिन पूरा देश भी जनरल बिपिन रावत के जाने से दुखी है. क्योंकि जनरल बिपिन रावत ने देश के दुश्मनों को जिस तरह से सबक सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की उसको कोई नहीं भूल सकता. जनरल बिपिन रावत आज भले हमारे बीच ना हो लेकिन देश ही नहीं दुनिया भर में उनकी वीरता और उनके सौम्य स्वभाव के चर्चे होते रहेंगे.


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