'बदलती भौगोलिक परिस्थितियों में सेना को भी बदलना पडे़गा', सीडीएस अनिल चौहान बोले- 21वीं सदी भारत की सदी है
Indian Armed Forces: CDS अनिल चौहान ने कहा कि मैं और तीनों सेनाओं प्रमुख हमारे चारों तरफ हो रहे परिवर्तनों को एक निश्चित दिशा में एक निश्चित गति देने का प्रयास कर रहे हैं.
Indian Army CDS: भारतीय सशस्त्र सेनाओं के चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान ने सेना की तकनीकि, उसके काम करने के तरीके में बदलाव की वकालत की है. उन्होंने कहा है कि हालिया वैश्विक घटनाओं में भारत की भूमिका सहज ही बढ़ेगी ऐसी परिस्थितियों में सेना का विकास करना समय की मांग है. 21वीं सदी भारत की सदी है इसलिए सेना को देश की जरूरतों के अनुसार खुद को बदलना होगा.
बेंगलुरु में एयर फोर्स एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ये बात कही. उन्होंने कहा, अपने अस्तित्व के लिए परिवर्तन और अनुकूलता बहुत ही महत्वपूर्ण आयाम होते हैं. भारतीय सशस्त्र बलों के लिए भी, परिवर्तन और विकास उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी भी प्रजाति के लिए, क्योंकि हमारे चारों ओर परिवर्तन हो रहा है.
सीडीएस ने बताया-वो और जनरल क्या कर रहे हैं?
सीडीएस अनिल चौहान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं और तीनों सेनाओं प्रमुख हमारे चारों तरफ हो रहे परिवर्तनों को एक निश्चित दिशा में एक निश्चित गति देने का प्रयास कर रहे हैं. हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जो अनिश्चित है, इसके लिए हमें बड़े परिवर्तन की आवश्यकता होगी.
उन्होंने आगे कहा, हम खुद को इन परिवर्तनों के बीच बदल भी रहे हैं. एक सशस्त्र बल भी अपने आस-पास होने वाले परिवर्तनों को समझते हैं और उसके मुताबिक ही बदलाव भी करते हैं. जहां तक वायु सेना का सवाल है तो वह नेटवर्क केंद्रित युद्ध में आगे बढ़ चुके हैं. जहां तक नौसेना का सवाल है तो हमने वहां मिशन-आधारित तैनाती देखी है.
सीडीएस ने बताया सेना के सामने क्या है असल समस्या?
सीडीएस चौहान ने आगे कहा, वास्तविक समस्या अवसरों की कमी नहीं है बल्कि अचानक से आ जाने वाले संकट हैं जिनको लेकर हमें जरूरी तैयारियां करनी होती हैं. उन्होंने कहा, चुनौतियां और खतरे बहुत आसान हैं लेकिन अवसर वास्तविक समस्याएं हैं क्योंकि वे अचानक सामने आ जाते हैं. उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में कौन से अवसर आएंगे इसकी भविष्यवाणी करना हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी.
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