टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी पहुंचे CDS जनरल बिपिन रावत, बोले- आपके काम पर फख्र, सशस्त्र बलों को सक्षम बनाने में मिलेगी मदद
CDS General Bipin Rawat In Chandigarh: सीडीएस जनरल बिपिन रावत गुरुवार को चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें टीबीआरएल पर बहुत गर्व है.
![टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी पहुंचे CDS जनरल बिपिन रावत, बोले- आपके काम पर फख्र, सशस्त्र बलों को सक्षम बनाने में मिलेगी मदद CDS General Bipin Rawat reached Terminal Ballistic Research Laboratory in Chandigarh said proud of your work it will help for armed forces टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी पहुंचे CDS जनरल बिपिन रावत, बोले- आपके काम पर फख्र, सशस्त्र बलों को सक्षम बनाने में मिलेगी मदद](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/10/28/e0a156d2e61bef12e5fe6ff0edb85dcf_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
CDS General Bipin Rawat In Chandigarh: सीडीएस जनरल बिपिन रावत गुरुवार को चंडीगढ़ में टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) पहुंचे. इस दौरान कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी पर बहुत गर्व है. साथ ही उन्होंने कहा कि आप जिस तरीके से काम कर रहे हैं, उससे हमारे सशस्त्र बलों को सक्षम बनाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अभी हमें जरुरत है, हमारे सामने सीमाओं पर चुनौतियां हैं.
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें उच्च प्रौद्योगिकी प्रणाली की जरुरत है, जो तीनों सशस्त्र बलों की क्षमता को और बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिद्वंद्वी युद्ध में बहुत तेजी से प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए हमारे लिए भी उनका सामना करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना आवश्यक है.
To face these challenges, we need high technology system that can further enhance the ability of all 3 armed forces. Our rivals are using technology very rapidly in warfare, so it's essential for us too to use technology to face them: CDS Gen Bipin Rawat addresses staff of TBRL pic.twitter.com/nGcvoEP7Uc
— ANI (@ANI) October 28, 2021
वहीं, 75वें सेना इन्फेंट्री दिवस के अवसर पर बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया था. बता दें कि इंफेंट्री सेना दिवस इसलिए मानाया जाता है, क्योंकि 27 अक्टूबर 1947 को आजादी के कुछ ही दिनों बाद इस सेना ने अपनी वीरता दिखाते हुए कश्मीर में एक मिशन में जीत हासिल की थी. इस मिशन को उस वक्त चलाया गया था, जब कश्मीर सहित दो अन्य रियासतें भारत का हिस्सा नहीं बनी थीं. उस वक्त भारत पाकिस्तान बंटवारे और देश को आजाद हुए कुछ वक्त ही हुए थे. पाकिस्तान चाहती थी कि कश्मीर का विलय उनके देश में हो जाए. उनका तर्क था की कश्मीर में बड़ी मुस्लिम आबादी होने के कारण उसे पाकिस्तान में शामिल कर लेना चाहिए. हालांकि, उस वक्त कश्मीर पर शासन कर रहे राजा हरि सिंह ने इससे साफ मना कर दिया.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)