नई दिल्ली: पाकिस्तान की तरफ से लगातार युद्धविराम उल्लंघन हो रहा है. शुक्रवार को लगभग पूरी एलओसी पर भारत और पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग होती रही. आंकड़ों की मानें तो इस साल अब तक पाकिस्तान की तरफ से करीब 3200 बार सीज फायर का उल्लंघन हो चुका है, जो पिछले साल यानी 2018 के मुकाबले पूरा दुगना है. भारतीय सेना के सूत्रों की मानें तो एलओसी के अखनूर, पूंछ, कृष्णाघाटी, उरी और नीलमघाटी से सटे केरन में रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है. लेकिन भारतीय सेना भी पाकिस्तान की तरफ से युद्धविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दे रही है.


सूत्रों की मानें तो भारत की जवाबी कारवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. पूंछ सेक्टर में पाकिस्तानी सेना के कुछ जवानों के मारे जाने की भी अपुष्ट खबरें आई हैं. हालांकि, पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर की तरफ से इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है. आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 750 किलोमीटर लंबी एलओसी यानी लाइन ऑफ कंट्रोल है. लेकिन भारत और खासतौर से कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से पाकिस्तानी सेना लगातार युद्धविराम का उल्लंघन करती है.


पाकिस्तानी सेना ऐसा भारतीय सेना की अग्रिम चौकियां (फॉरवर्ड पोस्ट) से ध्यान भटकाने के लिए करती है ताकि आतंकी एलओसी पार कर पाने में कामयाब हो जाएं. साथ ही पाकिस्तानी सेना के एसएसजी कमांडो भी आतंकियों से मिलकर भारत के सैनिकों को एलओसी पर निशाना बना सके, इसके लिए भी पाकिस्तानी सेना बिना किसी उकसावे के भारतीय चौकियों पर फायरिंग करती है. यही वजह है कि पाकिस्तानी सेना ने इस बार 3200 बार सीज फायर तोड़ा है. जबकि पिछले साल यानि वर्ष 2018 में ये आंकड़ा मात्रा 1610 था.


लेकिन सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में पाकिस्तानी सेना की तरफ से युद्धविराम उल्लंघन की घटनाएं इसलिए बढ़ गई हैं क्योंकि पाकिस्तान चाहता है कि भारतीय सेना की तरफ से जवाबी कारवाई हो तो वो दुनिया में इस बात का प्रचार कर सके कि भारत में सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन से ध्यान हटाने के लिए भारत एलओसी पर पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहा है. सूत्रों की मानें तो हाल ही में सोशल मीडिया पर इस बात की फेक न्यूज भी वायरल हुई थी कि भारतीय सेना ने केरन सेक्टर के ठीक सामने वाले पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में किशनगंगा नदी (नीलम नदी) को पारकर नीलम घाटी के गांव पर कब्जा कर लिया है.


इसी से घबराए पाकिस्तानी सेना ने नीलम घाटी में हैवी-डिपलोएमेंट यानि बड़ी तादाद में अपने सैनिकों को नीलम घाटी में तैनात कर दिया है. साथ ही हाल में पाकिस्तानी सेना के तोप और भारी हथियारों की मूवमेंट भी नीलम घाटी में दिखी गई है. लेकिन सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी तरह के हालात के लिए तैयार है. भारतीय सेना ने ये भी साफ किया है कि एलओसी पर कहीं भी फैंस यानी कटीली तार नहीं हटाई गई है. ना ही एलओसी पर युद्ध जैसे हालात हैं कि भारतीय सेना को नीलम नदी पारकर पीओके में दाखिल होना पड़े.


सूत्रों ने ये भी साफ किया कि वर्ष 2016 में उरी के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से भारतीय सेना एलओसी को 'डोमिनेट' कर रही है. ऐसे में पाकिस्तान द्वारा हाल में सुंदरबनी सेक्टर में किए गए बैट एक्शन और गुरूवार को जेसीओ को निशाना बनाए जाने का खामियाजा पाकिस्तानी सेना को भुगतना पड़ेगा. यही वजह है कि एलओसी पर कई जगह गोलाबारी चल रही है जिसमें पाकिस्तानी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.


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