Electoral Bonds Data: 'समय से जारी करेंगे डेटा', इलेक्टोरल बॉन्ड पर बोले CEC राजीव कुमार
Electoral Bonds Data: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना पर गत 15 फरवरी, 2024 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार की इस बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसको 'असंवैधानिक' करार दिया था.
CEC Rajiv Kumar on Electoral Bonds Data: सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी पेश कर दी गई है. इसको लेकर एसबीआई ने (13 मार्च) को सुप्रीम अदालत में एक हलफनामा दायर किया और पूरी जानकारी दी है. अब इस मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का बुधवार को बयान आया है. सीईसी जम्मू-कश्मीर में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने लिए पहुंचे हैं.
मीडिया से बातचीत के दौरान सीईसी राजीव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को डेटा देने के लिए कहा था, जो उन्होंने (एसबीआई) ने कल (12 मार्च) को समय से डाटा उपलब्ध करवा दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हमेशा से पारदर्शिता के पक्ष में रहा है. मैं, जाऊंगा और डेटा देखूंगा और समय से डेटा प्रकाशित करेंगे.'
चुनाव आयुक्त नियुक्ति मामले पर कही ये बात
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मैं ना appointee हूं ना ही appointed. यह इन दोनों के बीच का विषय है. समय से आना चाहिए, लेकिन इसके लिए मैं सटीक समय नहीं दे सकता.
लोकसभा चुनाव कराने के लिए आयोग पूरी तरह से तैयार
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव तैयारियों की समीक्षा मामले पर सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और देश में शांतिपूर्वक और ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए चुनाव कराने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. चुनाव कराने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं.
#WATCH | Jammu, J&K: On review of poll preparedness in the UT of J&K for upcoming Lok Sabha Elections, CEC Rajiv Kumar says, "We are fully committed to conducting elections here in J&K and in the country peacefully and with maximum participation. We are fully prepared for the… pic.twitter.com/fdOgDLYvSm
— ANI (@ANI) March 13, 2024
बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गत 15 फरवरी, 2024 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए इसको 'असंवैधानिक' करार दिया था. साथ ही चुनाव आयोग को डोनेशन देने वालों, उनकी ओर से डोनेट की गई राशि और उसे हासिल करने वालों का पूरा खुलासा करने का आदेश दिया था.
SBI को डेटा जमा करने की मिली थी 6 मार्च की पहली डेडलाइन
कोर्ट ने इस योजना को सूचना के अधिकार का उल्लंघन भी बताया था. कोर्ट ने एसबीआई के लिए डेटा जमा करने के लिए 6 मार्च की समय सीमा निर्धारित की थी और ईसी को इसे 13 मार्च तक पब्लिक डोमेन में लाने को कहा था. एसबीआई ने कोर्ट से 30 जून तक की मोहलत मांगी थी जिसको सोमवार (11 मार्च, 2024) को खारिज कर दिया था और 12 मार्च शाम 5 बजे तक ईसी को डेटा देने का आदेश दिया था.
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