Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव? CEC राजीव कुमार ने दिया ये जवाब
CEC Rajeev Kumar Press Conference: जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद पहली बार कोई चुनाव संपन्न हुए हैं. इस बार जम्मू-कश्मीर में चार दशकों के बाद सबसे अधिक 58.58 प्रतिशत दर्ज किया गया है.
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CEC Rajeev Kumar Press Conference: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले सोमवार (3, जून) को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे, इस बात का भी जवाब दिया.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को कहा, ''चुनाव आयोग बहुत जल्द केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया शुरू करेगा. हम मतदाताओं के मतदान से बहुत उत्साहित हैं और जल्द ही वहां विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेंगे.''
जम्मू-कश्मीर में बना मतदान का नया रिकॉर्ड
राजीव कुमार ने कहा, "जम्मू और कश्मीर में चार दशकों में इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे अधिक 58.58 प्रतिशत हुआ है, जबकि घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.''
क्यों नहीं हुए जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव?
जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा एकसाथ नहीं कराए जाने के सवाल का भी मुख्य चुनाव आयुक्त ने जवाब दिया. उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में सभी दलों ने कहा कि विधानसभा चुनाव संसदीय चुनावों के साथ होने चाहिए, लेकिन पूरी प्रशासनिक मशीनरी ने कहा कि यह एक साथ नहीं हो सकता. हर विधानसभा क्षेत्र में 10-12 उम्मीदवार होंगे, जिसका मतलब है कि 1,000 से अधिक उम्मीदवार होंगे. हर उम्मीदवार को सुरक्षा बल मुहैया कराना होगा. यह इस समय संभव नहीं था.''
जम्मू-कश्मीर में कितनी हैं सीटें?
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें आती हैं, जिसमें जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग-राजौरी सीट शामिल है. जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में आर्टिकल 370 को रद्द करने के बाद पहली बार कोई चुनाव संपन्न कराया गया है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया है और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है. पिछले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया था. इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
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