मुंबई: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के साथ हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में बैलेट पेपर के इस्तेमाल को खारिज किया है. इसके साथ ही आयोग ने कहा कि बैलेट पेपर अब ‘इतिहास’ हो गये हैं. उन्होंने ईवीएम का बचाव करते हुए कहा कि इन मशीनों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. बता दें कि कांग्रेस और एनसीपी ने चुनाव में ईलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई है.


मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने राज्यों में चुनाव तैयारियों की समीक्षा के बाद कहा कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चुनावी खर्च की सीमा में फिलहाल बदलाव नहीं हो सकता. जानकारी हो कि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जैसी पार्टियों ने प्रति उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा मौजूदा 28 लाख रूपये से बढ़ाने की मांग की थी.


सीईसी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में महाराष्ट्र के वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों में अधिक केंद्रीय सशस्त्र बल तैनात किए जाएंगे. सुनील अरोड़ा ने कहा, ‘‘पार्टियां इस मुद्दे (ईवीएम) को उठाती रही हैं. हमने उन्हें विनम्रता और दृढ़ता से कहा है बैलेट पेपर अब इतिहास हो गये हैं और मैं आपसे कह सकता हूं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है.’’


मुख्य चुनाव आयुक्त बोले


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘‘यह किसी अन्य मशीन आपकी घड़ी या गाड़ी की तरह खराब हो सकती है लेकिन इससे छेड़छाड़ नहीं हो सकती. यह अन्य मशीनों से हट कर है.’’ सुनील अरोड़ा ने कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से जुड़े मुद्दे पर अपने फैसलों में एक तरह से इस बात को बरकरार रखा है. दिवाली के त्योहार को लेकर कुछ दलों द्वारा चुनाव की विशेष तारीखों की मांग किये जाने पर अरोड़ा ने कहा कि आयोग चुनाव कार्यक्रम तैयार करने से पहले विभिन्न कारकों पर विचार करता है.


सीईसी ने आने वाले दिनों में त्योहार और चुनाव तारीख के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी मामले में तारीखों पर फैसला करने में आयोग विभिन्न कारकों को ध्यान में रखता है जैसे कि छुट्टियां और स्कूल, बच्चों की परीक्षाएं, विभिन्न धर्मों के महत्वपूर्ण त्योहार. उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा दिल्ली में की जाएगी. सुनील अरोड़ा ने कहा कि मतदान की तारीखें तय करने में केंद्रीय बलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना एक महत्वपूर्ण कारक है.


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाता पर्ची का वितरण जल्दी शुरू किया जाना चाहिए. महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि इस संबंध में अधिक ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की उनकी यात्रा के दौरान चुनाव आयुक्तों ने बुधवार को राजनीतिक दलों, जिला प्रशासन और केंद्रीय नियामक एजेंसियों, मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की और राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की.


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