(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सेलिब्रिटी ट्वीट की जांच का आदेश क्या कानून के दायरे में आता है? पढ़ें ये रिपोर्ट
ग्रेटा थनबर्ग ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था. उसके बाद भारत की कई जानी मानी हस्तियों ने ट्वीट किया था. इन हस्तियों ने संकेत दिया था कि भारत के किसी भी अंदरूनी मामले में बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये.
मुंबईः किसान आंदोलन के सिलसिले में ट्वीट करने वाले फिल्म अभिनेताओं और क्रिकेटरों की जांच कराने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को कानूनी जानकारों ने गलत बताया है. कानूनविदों की राय में इस तरह की जांच कराने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है. हाल ही में कई जानीमानी हस्तियों ने किसान आंदोलन को लेकर अचानक एक जैसे ट्वीट किये थे.
बीते हफ्ते अंतरराष्ट्रीय गायिका रिहाना और जलवायु परिवर्तन रोकने के लिये आंदोलन करने वाली ग्रेटा थनबर्ग ने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था। उसके बाद एक एक करके भारत की कई जानीमानी हस्तियों ने ट्वीट किया और एक तरह से संकेत दिया कि इस मामले में बाहरी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये.
ट्वीट करने वालों में लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे. कांग्रेस की नजर में ये ट्वीट केंद्र सरकार के समर्थन में लग रहे थे. पार्टी की राज्य इकाई ने गृहमंत्री अनिल देशमुख से शिकायत की कि इन हस्तियों पर दबाव डाला गया है कि वो इस प्रकार के ट्वीट करें और उन्होने स्वेच्छा से ये ट्वीट नहीं किया हैं. इस पर देशमुख ने बयान दिया कि जिन सेलिब्रिटी ने ट्वीट किया है उनकी जांच की जायेगी.
'नहीं होता है कानून का उल्लंघन'
देशमुख के ऐलान के बाद एक ओर जहां सियासी उथल पुथल मची तो वहीं दूसरी ओर कानूनी जानकार भी ऐसे फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. वरिष्ठ वकील गणेश सोवानी का कहना है कि सबसे पहला सवाल तो ये है कि पुलिस किस कानून के तहत अपनी जांच करेगी. जांच के लिये किसी कानून का आधार होना जरूरी है. इन हस्तियों ने अगर केंद्र सरकार के पक्ष में ट्वीट किया भी है तो वो कोई अपराध नहीं है, उससे कोई कानून का उल्लंघन नहीं होता.
बीजेपी का सवाल
दूसरा सवाल LOCUS STANDI का है. सवाल कांग्रेस पर उठता है कि वो किस हैसीयत से शिकायत कर रही है कि इन हस्तियों पर ट्वीट करने के लिये दबाव डाला गया. जिसपर दबाव डाला गया हो या डराया धमकाया गया हो, वे ही कानूनी तौर पर शिकायत कर सकते हैं. जिन लोगों की जांच की जानी है वे सभी वयस्क हैं, पढे लिखे लोग हैं और खुद शिकायत करने में सक्षम हैं. ऐसे में उनकी ओर से कांग्रेस द्वारा की गई शिकायत का संज्ञान नहीं लिया जा सकता.
उधर बीजेपी का कहना है कि अगर जांच करानी है तो उन अभिनेताओं की भी जांच करवानी चाहिये जिन्होने पिछले साल उद्धव ठाकरे की प्रशंसा में ट्वीट किये थे.
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