नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जनगणना 2021 और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और यह प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो जाएगी. जनगणना 2021 और एनपीआर की तैयारियों को लेकर जनगणना निदेशकों के सम्मेलन के बाद मंत्रालय ने यह जानकारी दी. जनगणना के लिए मकानों की सूची बनाने का चरण एक अप्रैल से 30 सितंबर तक पूरे देश में चलेगा.


केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना के लिए सवाल और उनकी संख्या तय कर ली है. सरकार 31 सवालों को पूछकर जनगणना संबंधी डाटा जुटाएगी. इस साल 1 अप्रैल से 31 सितंबर के बीच जनगणना की प्रक्रिया की जाएगी. जारी की गई अधिसूचना के अनुसार इस बार सरकार घर के फर्श, दीवार और छत की सामग्री, घर में कमरों की संख्या, शौचालय और शौचालय के प्रकार के बारे में भी पूछेगी. गृह मंत्रालय की ओर से इस प्रकार के 31 सवालों की सूची भी जारी कर दी गई है.


कुछ इस तरह के होंगे सवाल


जनगणना अधिनियम 1948 के तहत केंद्र सरकार ने जनगणना अधिकारियों को नियुक्त कर उन्हें जानकारी एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंप दी है. जनगणना अधिकारी आपसे कुछ इस तरह के सवाल पूछ सकते हैं.


* बिल्डिंग नंबर, मकान नंबर
* घर के फर्श, दीवार और छत की सामग्री और घर की स्थिति
* घर में रहने वाले लोगों की संख्या और मुखिया का नाम
* घर में रहने वाले लोगों की जाति
* घर के मालिकाना हक के बारे में जानकारी
* घर में कमरों की संख्या
* घर में शादी-शुदा लोगों के बारे में जानकारी
* बिजली और पीने के पानी के बारे में जानकारी
* शौचालय और शौचालय का प्रकार
* रसोई घर और एलपीजी और पीएनजी गैस कनेक्शन की स्थिति
* रेडियो, टीवी, इंटरनेट और मोबाइल के संबंध में जानकारी
* वाहन होने पर उसके संबंध में जानकारी
* घर में मुख्य तौर पर प्रयोग होने वाले अनाजों के बारे में जानकारी


इस बार सरकार जनगणना के दौरान भविष्य में इस संबंध में आपसे संपर्क करने के लिए परिवार के मुखिया का मोबाइल नंबर भी रजिस्टर कराएगी. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर जनगणना से संबधित जानकारियां सरकार के द्वारा साझा की जाएंगी.


एनपीआर और जनगणना के लिए 1 अप्रैल 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक का समय तय किया गया है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रक्रिया किसी भी राज्य को 45 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी. राज्य अपनी अपनी सुविधा के हिसाब से 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच का कोई भी 45 दिन का समय चुन सकते हैं.


जनगणना का फार्म भरते समय एक अंडरटेकिंग भी देनी होगी जिसमें साफ तौर पर कहा जाएगा कि जो भी जानकारी दी जा रही है वह पूरी तरह से सही है. यह भी दिलचस्प है कि यदि सरकार चाहे तो गलत जानकारी देने पर कार्रवाई कर सकती है.


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