नई दिल्लीः आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए. इस बैठक में एनपीआर यानी नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने के फैसले को मंजूरी देने के साथ ही 2021 में होने वाली जनगणना को भी मंजूरी दे दी गई. कैबिनेट बैठक के बाद सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी.


प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ब्रिटिशकाल से देश में जनगणना होती है और 2021 में 16वीं जनगणना हो रही है. 2020 के अप्रैल से सितम्बर तक इस बार इसका काम चलेगा. फरवरी 2021 में हेडकाउंट होगा. जो भी भारत में रहता है उसकी गणना इसमें होगी. इसके लिए एप तैयार किया गया है. एप पर जो भी भरा जाएगा वो मंजूर होगा. इसमें कोई भी सबूत देने की ज़रूरत नहीं है. जो भी जानकारी दी जाएगी उसके लिए किसी काग़जात की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. जनगणना का काम 6 महीने चलेगा और लोग एप के जरिए जनगणना में हिस्सा लेंगे. जनगणना के लिए तकनीक का इस्तेमाल होगा. जनगणना को तकनीक के माध्यम से सटीक बनाया जाएगा.


प्रकाश जावड़ेकर ने ये भी बताया कि एनपीआर के लिए सभी राज्यों ने मंजूरी दे दी है और एनपीआर में किसी भी तरह के बायोमीट्रिक की जरूरत नहीं होगी. सरकारी सुविधाओं के लिए सही और सभी लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के लिए जनगणना और एनपीआर ज़रूरी हैं.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी भी दी गई कि जनगणना और एनपीआर को मिलाकर करीब 13 हज़ार करोड़ का खर्च आएगा. 8700 करोड़ जनगणना के लिए जबकि 3941 करोड़ एनपीआर के लिए मंजूर किए गए हैं.


'अटल जल ' योजना को मिली मंज़ूरी
कल पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती है. प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी कि कैबिनेट ने 'अटल जल' योजना को मंज़ूरी दे दी है और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए पानी की कमी वाले राज्यों में शुरू होगी. इसका बजट 6000 करोड़ रुपये का है.


प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है जो कि सेना के मामलों के नए डिपार्टमेंट का हेड होगा.