कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र की मुहर, हाईकोर्ट से प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होंगे ये 5 जज
केंद्र सरकार ने SC में नियुक्ति के लिए 5 जजों के नाम पर आखिरकार मुहर लगा ही दी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट नियुक्ति में देरी से अभी भी नाराज है. सिफारिश दिसंबर में की गई थी और नियुक्ति फरवरी में की गई है.
Supreme Court Collegium: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच नए न्यायाधीशों को मंजूरी दे दी है. शीर्ष अदालत की पीठ को ये आश्वासन भी दिया कि नियुक्तियां बहुत जल्द होंगी. सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने वालों में जस्टिस पंकज मिथल (राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), संजय करोल (पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), पीवी संजय कुमार (मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश) और मनोज मिश्रा (इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश) हैं.
नए न्यायाधीशों को सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ शपथ दिला सकते हैं. बता दें कि कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए पांच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी.
इन नामों की भी की है सिफारिश
इसके बाद, 31 जनवरी को CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के लिए केंद्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार के नामों की सिफारिश की.
सुप्रीम कोर्ट में कितने हैं स्वीकृत पद?
सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश (CJI) समेत 34 न्यायाधीशों के स्वीकृत पद हैं. वर्तमान में शीर्ष अदालत 27 न्यायाधीशों के साथ काम कर रही है. पीठ सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों (High Courts) में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से कथित देरी से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.
कॉलेजियम सिस्टम पर गतिरोध
अटॉर्नी जनरल वेंकटरमण ने पीठ को आश्वासन दिया कि नामों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होने की उम्मीद है. पीठ ने पूछा, "कब, अगला सवाल है? हम तारीख के बारे में नहीं कह रहे हैं. दो दिन, तीन दिन या चार दिन, वारंट कब जारी होगा?" अटॉर्नी जनरल ने कहा, "मुझे बताया गया कि रविवार तक इसे जारी किया जा सकता है." सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में पांच नामों की सिफारिश की गई थी और अब यह फरवरी है. गौरतलब है कि कॉलेजियम प्रणाली सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच गतिरोध का एक प्रमुख बिंदु बन गई है.