केंद्र ने Supreme Court से NEET PG काउंसिलिंग शुरू करने की अनुमति मांगी, गुरुवार को सुनवाई पूरी होने की उम्मीद
NEET PG Counseling: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से नीट पीजी (NEET PG) काउंसिलिंग शुरू करने की अनुमति मांगी है.
NEET PG Counseling Hearing: केंद्र सरकार (Central Government) ने आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अनुरोध किया कि वह नीट पीजी (NEET PG) की काउंसलिंग (Counseling) शुरू करने की अनुमति दे. कोर्ट ने कहा कि वह सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई आदेश दे सकता है. मामले में आज बहस अधूरी रही. गुरुवार को याचिकाकर्ताओं की जिरह पूरी होने के बाद कोर्ट सरकार की दलीलें सुनेगा. मेडिकल (Medical) पोस्ट ग्रेजुएशन में इस साल से लागू 27 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत निर्धन वर्ग के आरक्षण की नीति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इसके चलते फिलहाल पीजी की काउंसलिंग रुकी हुई है.
केंद्र सरकार की तरफ से आज सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की बेंच से कहा कि नई आरक्षण नीति पर कोर्ट के दखल के बाद काउंसिलिंग रुक गई है. 25 नवंबर को सरकार ने आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के आरक्षण पर घोषित नीति की समीक्षा की बात कोर्ट से कही थी. लेकिन तब इसका अनुमान नहीं था कि भविष्य में कैसी स्थिति होगी. इस समय स्थिति बहुत असामान्य है. जूनियर डॉक्टर भी बहुत परेशानी उठा रहे हैं. इन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
तुषार मेहता ने कहा, "हमारा अनुरोध है कि काउंसिलिंग शुरू करने दी जाए. इस दौरान कोर्ट विस्तृत सुनवाई जारी रख सकता है." इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा, "हमारा यही कहना है कि सरकार ने खेल के बीच में नियम बदले हैं. इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती." जजों ने मामले का हल निकालने में रुचि जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान और अरविंद दातार आज अपनी बातें रखें. कल सॉलिसीटर जनरल को सुना जाएगा.
दोनों वकीलों में श्याम दीवान की बहस 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर केंद्रित रही. दीवान ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेशों में कहा कि 50 प्रतिशत सीटें अनारक्षित रहेंगी. इसे एक सरकारी आदेश से नहीं बदला जा सकता. मेडिकप पोस्ट ग्रेजुएशन में प्रतिभा के आधार पर प्रवेश होना चाहिए. वहां कम से कम आरक्षण होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट एक फैसले में कह चुका है कि सुपर स्पेशियलिटी में आरक्षण सही नहीं है. पोस्ट ग्रेजुएशन को भी उसी तरह देखना चाहिए."
इसके बाद वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने बेंच को संबोधित करना शुरू किया. उन्होंने कहा, "मैं EWS आरक्षण पर पक्ष रखूंगा. केंद्र ने बिना विस्तृत चर्चा किए पूरे देश के लिए आय सीमा 8 लाख रख दी. यह मनमाना फैसला था. इसमें कई कमियां हैं." दातार ने कुछ देर ही बहस की थी कि शाम 4 बजे का समय हो गया. जजों ने उनसे पूछा कि क्या वह अपनी बहस आज पूरी कर पाएंगे. वरिष्ठ वकील ने इसके लिए कम से कम आधा घंटा लगने की बात कही.
इसके बाद कोर्ट ने सभी वकीलों के सुझाव पर सुनवाई को कल के लिए स्थगित कर दिया. बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कल पहले से सूचीबद्ध 15 नए मामलों के तुरंत बाद NEET PG केस सुना जाएगा. सबसे पहले दातार बहस पूरी करेंगे. फिर दूसरे वकीलों और सॉलिसीटर जनरल की दलीलें सुनी जाएंगी.
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