Home Ministry On Missionaries of Charity: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी (Missionaries of Charity) के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण 25 दिसंबर को खारिज कर दिया गया. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने एक बयान में यह भी बताया कि उसने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी खाते से लेनदेन को नहीं रोका है, बल्कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचित किया है कि संस्था ने खुद बैंक को खातों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
गृह मंत्रालय के इस बयान से पहले पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दावा किया था कि केंद्र सरकार ने मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था के सभी बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है. ममता बनर्जी ने बनर्जी ने कहा, ''कानून सर्वोपरि है, लेकिन मानवीय प्रयासों से समझौता नहीं होना चाहिए.''
उन्होंने ट्वीट किया, ''क्रिसमस पर यह बात सुनकर स्तब्ध हूं कि केंद्र सरकार ने भारत में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सभी बैंक खातों से लेन-देन को रोक दिया है. उनके 22,000 रोगियों और कर्मचारियों को भोजन और दवाएं नहीं मिल पा रहीं.'' मंत्रालय ने कहा कि एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए आवेदन को एफसीआरए 2010 और विदेशी अभिदाय विनियमन नियम (एफसीआरआर) 2011 के तहत पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए 25 दिसंबर को खारिज कर दिया था.
बयान के अनुसार, ''मिशनरीज ऑफ चैरिटी से नवीनीकरण आवेदन को खारिज करने के फैसले की समीक्षा के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है.'' एफसीआरए के तहत मिशनरीज ऑफ चैरिटी का पंजीकरण 31 अक्टूबर, 2021 तक वैध था. गृह मंत्रालय ने कहा कि वैधता को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ाया गया था.
बयान में कहा गया, ''हालांकि, मिशनरीज ऑफ चैरिटी के नवीनीकरण आवेदन पर विचार करते हुए कुछ प्रतिकूल जानकारियां देखी गयीं. इन्हें देखते हुए आवेदन को खारिज कर दिया गया.'' उसने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण 31 दिसंबर, 2021 तक वैध था और मंत्रालय ने उसके किसी बैंक खाते पर रोक नहीं लगाई है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी एक कैथोलिक धार्मिक संस्था ,है जिसकी स्थापना मदर टेरेसा ने 1950 में की थी.