Central Gov. Fund: संविधान की धारा 293 के तहत राज्य सरकारों को अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के तहत और वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार केंद्र राज्यों को पैसा देता है. इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से दी गई जानकारी और उनके अधिकारियों द्वारा प्रमाणित पत्रों को ही आधार बनाया जाता है. केंद्र सरकार का कहना है कि पिछले कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें राज्य सरकार के अफसरों की ओर से गलत जानकारी दी गई जिसके चलते ज्यादा पैसा निर्गत हो गया. इनमें केवल आईएएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारी शामिल हैं जो अलग-अलग राज्यों में पदस्थापित होते हैं.
इस मुद्दे को लेकर अब केंद्र सरकार सख्त हो रही है और सभी राज्य सरकारों को एक पत्र लिखा गया है. ये पत्र केंद्रीय वित्त सचिव की ओर से सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों और केंद्र में सभी विभागों के सचिवों को लिखा गया है. पत्र में इस तरह के मामलों के बढ़ने पर चिंता जताई गई है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की अनुशंसा भी की गई है. वित्त सचिव ने पत्र में लिखा है कि अगर गलत जानकारी जानबूझकर या तथ्यों को जाने बिना दी जाती है तो फिर ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
अनजाने में हुई गलती पर नहीं होगी कार्रवाई
केंद्रीय वित्त सचिव ने मुख्य सचिवों और विभागों के सचिवों को कहा है कि अब अगर ऐसे मामले सामने आते हैं तो ऐसे अधिकारियों की जानकारी केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को दी जाएगी. अफसरों की गलती सही साबित होने पर कार्मिक मंत्रालय उनके प्रमोशन, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति, अंतर कैडर प्रतिनियुक्ति, सरकारी खर्चे पर विदेश में प्रशिक्षण और विदेश में पोस्टिंग को लेकर कार्रवाई कर सकता है. राज्य सरकारों से भी उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा जाएगा जिन राज्यों में वो पदस्थापित होंगे.
हालांकि पत्र में यह साफ-साफ लिखा है कि अगर गलती अनजाने में की गई हो या किसी गलत नियत से नहीं किया गया हो तो फिर ऐसे अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.