नई दिल्ली: केंद्र सरकार का कहना है कि मौजूदा आरटीआई के प्रावधानों को हल्का करने के लिये कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. साथ ही एक बयान जारी कर केद्र सरकार की ओर से कहा गया कि आरटीआई के मौजूदा नियमों में किए जाने वाले संशोधन जनता से मिली प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखकर किया जाएंगे.
एक बयान में सरकार ने कहा कि आरटीआई नियम में प्रस्तावित संशोधन पर 15 अप्रैल 2017 तक जनता की अपनी प्रतिक्रिया दे सकती है. इसके इस मामले में जनता से मिली प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखकर ही इन किए जानें वाले बदलाव को अंतिम रूप दिया जायेगा.
संशोधनों पर ऐसे भेज सकते हैं अपनी राय
सरकार से ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘आरटीआई के प्रावधानों को कमजोर करने के आरोप सही नहीं है .’’ सरकार की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने मौजूदा सरकार पर आरोप आरटीआई को कमजोर करने का आरोप लगाया था.
उनका कहना था कि मोदी सरकार इसके आरटीआई नियमों को तोड़मरोड़ कर चुपके से जानकारी हासिल करने को आम लोगों की पहुंच से दूर करने के लिये आरटीआई अधिनियम को पलटने की कोशिश कर रही है.
सरकार ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग में तथ्यात्मक रूप से गलत खबर आई है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के नए नियम बनाये जा रहे हैं जो सरकार से आम लोगों के सूचना हासिल करने के अधिकार में मुश्किलें और बाधा खड़ी करेंगे.