कोरोना की दूसरी लहर के साथ देश भर में ब्लैक फंगस से मरीजों के बढ़ते हुआ मामले परेशानी का सबब बने हुए है. ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती तादाद के अनुपात में दवाईयां और इंजेक्शन उपलब्ध न होने की शिकायतें भी देश के विभिन्न हिस्सों से देखने में आ रही है. ऐसे में केन्द्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि केन्द्र ने राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को एम्फोटेरिसिन-बी के 19,420 अतिरिक्त वायल्स आवंटित कर दिए है. उम्मीद है कि इससे देशभर में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में काफी मदद मिलेगी.
ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होता है एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन
इससे पहले 21 मई को भी सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी के 23,680 वायल्स का आवंटन किया था. एम्फोटेरिसिन-बी एक एंटी फंगल इंजेक्शन है, जिसे ब्लैक फंगस के इलाज में काफी कारगर माना जा रहा है. म्यूकोर्मिकोसिस एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जिसे बोलचाल की भाषा में ब्लैक फंगस के नाम से पहचाना जाता है. ये संक्रमण म्यूकर मोल्ड के संपर्क में आने से होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ने वाले फलों और सब्जियों में पाया जाता है.
कोविड की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस के मामलों में एकाएक आया उछाल
कोविड की दूसरी लहर के दौरान देश भर में ब्लैक फंगस के मामलों में एकाएक उछाल देखा गया है. कई राज्यों में तो इस बीमारी को महामारी घोषित किया जा चुका है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी म्यूकोर्मिकोसिस के बेहद गंभीरता से लिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने Integrated Disease Surveillance Programme (IDSP) के तहत सभी राज्यों को इस बीमारी के संदिग्ध और कंफर्म मामलों की रिपोर्ट करना अनिवार्य कर दिया है. देश के कई हिस्सों में काले फंगस के संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले ही इसे महामारी रोग अधिनियम के तहत एक '”notifiable disease” घोषित कर दिया है.
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