नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार कश्मीर में आतंकियों से बेहद सख्ती से निपटने की तैयारी कर रही है. इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की निगरानी में बेहद ठोस प्लान बनाया जा रहा है.
हमले के बाद कश्मीर दौरे से लौट कर आए सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने अपनी रिपोर्ट एनएसए डोभाल को सौंप दी है. जानकारी के मुताबिक सेनाध्यक्ष की रिपोर्ट में सुरक्षा में चूक की बात मानी गयी है और सुरक्षा को और ज्यादा पुख्ता करने की बात भी कही गयी है.
रिपोर्ट सौंपने के बाद देर रात तक आर्मी चीफ और एनएसए में लंबी बैठक हुई. आर्मी चीफ ने आतंकियों और अलगाववादियों के नेटवर्क तोड़ने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने को कहा है.
आतंक से निपटने के लिए पीएमओ से मिली खुली छूट
घाटी में आतंक से निपटने और आतंकियों के खात्मे के लिए पीएमओ ने सेना और सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है. इस छूट का असर भी दिख रहा है इस साल जनवरी से अब तक 105 आतंकी मारे गए हैं जिसमे लश्कर के 33, हिजबुल के 27 और बाकियों के बारे में ये साफ़ नहीं हो पाया है कि वो किस संगठन के थे.
जानकारी के मुताबिक घाटी में सक्रिय 240 आतंकियों में आधे से ज्यादा पाकिस्तानी हैं उन्हें खत्म करने के लिए नए सिरे से ऑपरेशन चलेगा. सेना लश्कर, जैश के पाकिस्तानी आतंकियों के स्थानीय लोगों से साठगांठ को तोड़ने और हिजबुल के आतंकियों के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए नया प्लान बनाएगी.
नए प्लान पर यूनिफाइएड कमांड की बैठक में मुहर लगेगी
सूत्रों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर और श्रीनगर में सेना और सीआरपीएफ की क्रैक टीम तैनात की जायेगी. जिससे आतंकियों के बारे में ख़ुफ़िया इनपुट पर तत्काल ऑपरेशन चलाया जाए और आतंकियों को संभलने का मौका ना दिया जाए.
आर्मी ऑपरेशन के दौरान स्टोन पेल्टर्स से निपटने का जिम्मा स्टेट आर्म्ड पुलिस और सीआरपीएफ का है. आर्मी चीफ बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की तैयारियों का जायजा लेने के बाद राज्य में मुख्यमंत्री और अधिकारियों के साथ बैठक में सुरक्षा के तमाम मुद्दों पर चर्चा की और कुछ बड़े फैसले लिए गए हैं.
- देर शाम के बाद किसी भी टूरिस्ट वाहन को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी वहीं तय समय के बाद बाहर वाहन चलाने पर भी बैन.
- सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा नेशनल हाइवे की जा रही निगरानी के समय को 7 बजे से बढ़ाते हुए 10 बजे कर दिया गया
- अमरनाथ यात्रा पर जा रहे किसी भी वाहन को शाम 5 बजे के बाद दक्षिण कश्मीर के आमिर बाज़ार के पास से जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
- अमरनाथ यात्रा के रुट पर इंटेलिजेंस नेटवर्क को पुख्ता करते हुए चौकसी बढ़ाने का फैसला किया गया.
- अमरनाथ यात्रियों की मदद के लिए सुरक्षा के वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी, व्यक्तिगत तौर पर भी सुरक्षा में बढ़ोतरी की जायेगी.
- श्राइन बोर्ड से ऑनलाइन स्लिप लेकर आने वाले प्राइवेट वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी.
- सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाएगी.
- सेना और सभी एजेंसियां बिना रजिस्टर हुए वाहनों पर कड़ी नज़र रखेंगी.
- अमरनाथ यात्रा के रुट पर आने वाले हर व्यक्ति की जांच अलग-अलग पोस्ट पर हो सकती है.
इतना ही नहीं सुरक्षा पुख्ता करते हुए यात्रा के रुट पर 10 सीआरपीएफ की कंपनियों को रिजर्व के तौर पर रखा गया है ताकि खतरे की सूरत में उन्हें तुरंत रवाना किया जा सके.