मुंबई: धारावी में कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार-बीएमसी की तारीफ की
मुंबई के धारावी में कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कि महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी की तारीफ है. एक वक़्त था जब धारावी मुंबई कोरोना का हॉटस्पॉट था और बड़ी संख्या में केस सामने आ रहे थे. लेकिन अब वहां से कोरोना के केस कम हो रहे है.
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नई दिल्ली: मुंबई के धारावी में कोरोना से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी की तारीफ की. एक वक़्त था जब धारावी कोरोना का हॉटस्पॉट था और बड़ी संख्या में केस सामने आ रहे थे. लेकिन अब वहां से कोरोना के केस कम हो रहे हैं.
मुंबई के धारावी में काफी घनी आबादी रहती है. धारावी में 2,27,136 व्यक्ति/वर्ग किमी होने के कारण धारावी में अप्रैल के महीने में 12 फीसदी ग्रोथ रेट के साथ 491 मामले समाने आए. वहीं डबलिंग पीरियड 18 दिन रहा. इसके बाद बृह्नमुंबई महानगरपालिका ने तेज़ी के कदम उठाए और सख्ती से कंटेनमेंट ज़ोन के नियमों को लागू किया गया. इसके बाद में केस की ग्रोथ रेट 4.3 फीसदी और जून में 1.02 फीसदी हो गया. नियम को सख्ती से लागू करने की वजह से मई में डबलिंग पीरियड 43 दिन हो गया और जून में ये 78 दिन हो गया.
धारावी जैसी जगह पर कोरोना को रोकथाम करने में कई चुनौती थी. सबसे बड़ी चुनौती थी धारावी कि 80 फीसदी आबादी सामुदायिक शौचालयों पर निर्भर करती है. लगभग 8-10 लोग घरों/झोंपड़ियों में रहते हैं, जो कि 10 फीट x 10 फीट की दूरी पर 2-3 मंजिला घरों के साथ संकरी गलियों से जुड़ा होता है. जहां अक्सर एक घर के ऊपर कई मंज़िल होती है और अन्य मंजिलों का उपयोग कारखानों के रूप में किया जाता है. इसलिए, प्रभावी होम क्वारंटाइन की कोई संभावना नहीं थी साथ ही दूरी यानी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव नहीं था.
ऐसे में बीएमसी ने 4 टी प्लान लागू किया - ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट. इस के बाद प्रोएक्टिव स्क्रीनिंग का फैसला किया गया. घर-घर जाकर डॉक्टरों और निजी क्लीनिकों ने 47,500 लोगो की स्क्रीनिंग की. 14,970 लोगों को मोबाइल वैन से स्क्रीनिंग की. वहीं बीएमसी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा 4,76,775 लोगो की स्क्रीनिंग हुआ था. वहीं बुजुर्गों और वरिष्ठ नागरिकों जैसे हाई रिस्क कैटेगरी जांच के लिए फीवर क्लीनिक स्थापित किए गए थे. इससे 3.6 लाख लोगों की स्क्रीनिंग में मदद मिली. इस तरह से 5,48,270 लोगो की धारावी में जांच हुई. संदिग्ध मामलों को कोविड केयर सेंटर्स और क्वारन्टीन सेंटर्स भेजा गया. 90 फीसदी मरीजों का इलाज धारावी के अंदर ही हुआ.
सिर्फ गंभीर रूप से बीमार मरीजों को ही धारावी से बाहर ले जाया जाता था. इस दौरान बीएमसी ने धारावी में 25,000 राशन के पैकेट बांटे साथी लोगों को यहां खाना भी खिलाया. समय रहते बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से आज मुंबई के धारावी में कम मामले रिपोर्ट हो रहे.
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