नई दिल्लीः जैसे जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, सरकार के सामने महामारी से लड़ने के अलग अलग पहलुओं को दुरुस्त करने की चुनौती भी बढ़ रही है. महामारी के दौरान लोगों को खाने पीने की चीज़ों की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से सजग रहते हुए कई क़दम उठाने की नसीहत दी है. राज्यों से आवश्यक वस्तुओं की क़ीमत को काबू में रखने के लिए कठोर क़दम उठाने को कहा गया है.
ज़रूरी चीज़ों के दाम न बढ़ने दें
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के विभाग में अपर सचिव निधि खरे ने सभी राज्यों में इस विभाग से जुड़े प्रमुख सचिवों को एक पत्र लिखा है. पत्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र लोगों को ज़रूरी सामानों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को कई अहम उपाय करने की सलाह दी गई है. दवा और खाना पीना जैसे आवश्यक वस्तु बेचने वाले दुकानों को धारा 144 की परिधि से बाहर रखने का सुझाव दिया गया है ताकि लोग आराम से ज़रूरी चीज़ें ख़रीद सकें. ये भी हिदायत दी गई है कि आवश्यक वस्तुओं की क़ीमत को बढ़ने नहीं दिया जाए.
जमाखोरी पर रखें पैनी नजर
इसके लिए राज्यों को सलाह दी गई है कि खाद्य , सिविल सप्लाई , मापतौल , खाद्य सुरक्षा , स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की एक संयुक्त टीम का गठन राज्य और ज़िले के स्तर पर किया जाए. इस संयुक्त टीम का मुख्य काम निगरानी और आदेश को सख़्ती से लागू करवाना होगा ताकि जमाखोरी और क़ीमत बढ़ाने जैसी कोशिशों पर काबू पाया जा सके.
घबराहट में न करें ज़रूरी सामानों की ख़रीद
खरे ने सभी राज्यों से नागरिकों के बीच जागरूकता फ़ैलाने के लिए क़दम उठाने को कहा है जिससे लोग घबराकर खाने पीने और अन्य ज़रूरी सामान न ख़रीदें. उन्होंने राज्यों को जरूरी सामानों की आपूर्ति को लेकर ग्राहकों के लिये हेल्पलाइन भी स्थापित करने को कहा है ताकि वे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें. सभी राज्यों से इस मामले में समीक्षा बैठक करने को भी कहा गया है.
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