खाद्य तेलों की महंगाई: केंद्रीय टीमों ने सरसों और खाद्य तेलों की जमाखोरी का पता लगाया, राज्यों को कार्रवाई के निर्देश
महाराष्ट्र और राजस्थान में भी केंद्रीय टीमों को खाद्य तेलों की जमाखोरी का भी पता चला. खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक़ जमाखोरी करने वालों में बड़े थोक व्यापारी और रिटेल चेन चलाने वाले शामिल हैं.
Edible Oil Prices: खाद्य तेलों की कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई है. पिछले 15 दिनों में कीमत में थोड़ी कमी तो दर्ज़ की गई है लेकिन पिछले साल इसी सीजन के मुक़ाबले अभी भी कहीं ज़्यादा है. खाद्य तेलों की महंगाई से चिंतित मोदी सरकार ने राज्य सरकारों को जमाखोरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. जमाखोरी का खुलासा तब हुआ जब केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई टीमों ने जांच पड़ताल की. जांच में पाया गया कि खाद्य तेलों के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे सामानों और खाद्य तेलों का तय सीमा से बहुत ज़्यादा भंडारण किया गया.
तय सीमा से ज्यादा सरसों के भंडारण का पता लगा
केंद्रीय टीमों को मध्यप्रदेश के अलग अलग ज़िलों में तय सीमा से ज़्यादा सरसों के भंडारण का पता चला है. केंद्रीय टीमों ने मध्यप्रदेश के देवास, शाजापुर और गुना ज़िलों में सरसों के अवैध भंडारण का खुलासा किया है. इन ज़िलों में केंद्रीय टीमों की ओर से सघन जांच पड़ताल की गई जिससे अवैध भंडारण का पता चला. अभी जांच पड़ताल चल रही है.
खाद्य तेलों की जमाखोरी का पता चला
इसके साथ ही महाराष्ट्र और राजस्थान में केंद्रीय टीमों को खाद्य तेलों की जमाखोरी का भी पता चला है. खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक़ जमाखोरी करने वालों में बड़े बड़े थोक व्यापारी और रिटेल चेन चलाने वाले व्यापारी शामिल हैं. सभी राज्य सरकारों को ऐसे जमाखोरों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकारों से आवश्यक वस्तु कानून का कड़ाई से पालन करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही, खाद्य तेलों जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी निर्बाध रूप से बनाए रखने का निर्देश दिया गया है.
कई राज्यों में सरकार ने भेजी टीमें
खाद्य तेलों की महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने सरसों और खाद्य तेलों के भंडारण पर 31 दिसम्बर 2022 तक स्टॉक सीमा लगाया हुआ है जो इसी महीने की शुरुआत से लागू है. लेकिन सरकार को ऐसी ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी कि इन दोनों वस्तुओं का अवैध भंडारण किया जा रहा है. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में अपनी टीम भेजी थी.
बेतहाशा बढ़ चुकी हैं सरसों तेल की कीमत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ 11 अप्रैल को जहां दिल्ली में सरसों तेल की थोक क़ीमत 198 रुपये प्रति लीटर थी, वहीं मुम्बई में 189 रुपये प्रति लीटर थी. हालांकि पिछले महीने की तुलना में क़ीमत औसतन 10 रुपये प्रति लीटर कम हुई है लेकिन पिछले साल इसी समय सरसों तेल दिल्ली में महज 152 रुपये और मुम्बई में 158 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था.
सोया तेल के दाम पिछले महीने की तुलना में थोड़े कम हुए
इसी तरह सोया तेल भी पिछले साल जहां इस समय दिल्ली में 148 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था वहीं अभी इसकी थोक क़ीमत 170 रुपये प्रति लीटर है. मुम्बई में ये क़ीमत पिछले साल के 140 रूपए प्रति लीटर से बढ़कर अब 163 रुपये प्रति लीटर हो गई है. हालांकि पिछले महीने की तुलना में दाम थोड़े कम जरूर हुए हैं.
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