इंदौर: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर पूरे देश में "विस्फोटक स्थिति" बनने का दावा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कहा कि दिल्ली के शाहीन बाग में इस मुद्दे पर लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे लोगों से अगर केंद्र सरकार वक्त रहते चर्चा कर लेती, तो यह नौबत नहीं आती.


दिग्विजय ने कहा, "अगर शाहीन बाग में धरने पर बैठीं मां-बहनों से केंद्र सरकार पहले ही चर्चा कर लेती, तो आज यह नौबत नहीं आती. लेकिन बात केवल चर्चा तक सीमित नहीं रहनी चाहिये और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इस असंवैधानिक कानून को वापस लिये जाने की मांग करता हूं.’’


कांग्रेस के 72 वर्षीय सांसद ने कहा, "मूल बात यह है कि वे (सरकार) समझने लगे हैं कि पूरे देश में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर एक विस्फोटक स्थिति पैदा होती जा रही है."


दिग्विजय ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच खाई पैदा करने के लिये सीएए बनाया है.


उन्होंने कहा, "नागरिकता के किसी नये कानून की कोई जरूरत ही नहीं थी. भारत की आजादी के बाद करीब एक करोड़ लोगों को नागरिकता दी जा चुकी है जिनमें 85 प्रतिशत हिंदू हैं."


उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) की भी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि लोगों के पास अपनी नागरिकता के प्रमाण के लिये आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज पहले से मौजूद हैं.


शाहीनबाग के कुछ प्रदर्शनकारी इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करना चाह रहे हैं. शाहीन बाग़ में लोगों का कहना है कल वो पैदल मार्च निकाल कर गृह मंत्री अमित शाह के घर जाएंगे. कल रात 3 बजे ये फैसला लिया गया. मार्च जसोला मथुरा रोड होते हुए गृह मंत्रालय तक जाएगा.


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