Edible oil: केंद्र ने रविवार को कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए वह खाद्य तेलों की कीमतों पर नजर रखे हुए हैं और 25 अक्टूबर को एक बैठक कर भंडार रखने की सीमा के अपने आदेश पर राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा करेगा. बता दें कि केंद्र ने गत 10 अक्टूबर को घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए कुछ आयातकों और निर्यातकों को छोड़कर खाद्य तेलों और तिलहनों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक के लिए भंडारण सीमा तय कर दी थी.
राज्य सरकारों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अपने यहां उपलब्ध भंडार और खपत के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों और तिलहन पर लगाए जाने वाले भंडार की सीमा तय करने के लिए कहा गया था. एक आधिकारिक बयान के मुताबकि, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार यानी 25 अक्टूबर, 2021 को सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के साथ बैठक करेगा.
बीते कुछ समय पहले केंद्र ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा था कि खाद्य तेलों पर घटाए गए आयात शुल्क का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए हर संभव और सख्त कदम उठाएं. आठ प्रमुख तेल उत्पादक राज्यों को पत्र लिखा गया था. इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश हैं.
सरकार ने अनुमान के मुताबकि बताया था कि आयात शुल्क घटने से खाद्य तेलों के दाम में 15-20 रुपये प्रति किलो की कमी आएगी. राज्यों से कहा गया था कि त्योहारी सीजन में शुल्क घटने का फायदा उपभोक्ताओं तक तत्काल पहुंचाना सुनिश्चित करें. वाणिज्य मंत्रालय ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क खत्म करने का ऐलान किया था. 31 मार्च 2022 तक के लिए आयात शुल्क खत्म कर दिया गया था.
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