नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध निर्माण पर निगरानी रखने के लिए केंद्र सरकार ने जनता को ही जिम्मेदारी सौंप दी है. अब जनता सीधे अवैध निर्माण की जानकारी सरकार तक पहुंचा सकेगी. इतना ही नहीं जिन अधिकारियों के कार्यकाल में अवैध निर्माण हो रहा है उनके बारे में जानकारी सरकार तक पहुंचेगी और पड़ताल होने के बाद अगर शिकायत सही पाई गई तो दोषी अधिकारियों को जेल तक जाना पड़ सकता है.


केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने यह साफ किया है कि दिल्ली में अब तक जो अवैध निर्माण हो चुका है या भविष्य में हुआ तो उस पर नज़र रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है. एसटीएफ को अगर किसी भी तरह के अवैध निर्माण को लेकर कोई शिकायत मिलती है और वो जांच में सही पाई जाती है तो ऐसे में उस इलाके के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई होगी.

अवैध निर्माण पर निगरानी रखने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने एक वेबसाइट और एप भी तैयार कर लिया है जिस पर कोई भी शख्स किसी भी तरह के अवैध निर्माण की जानकारी तस्वीर सहित दे सकता है. वह जानकारी स्पेशल टास्क फोर्स के पास पहुंचेगी और स्पेशल टास्क फोर्स उसकी पड़ताल करेगी, अगर जानकारी सही पाई गई तो अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

केंद्रीय आवास और शहरी मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनी में भी किसी भी तरह का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की नजर उन शिकायतों पर भी रहेगी जिनमें 2006 के बाद हुए अवैध निर्माण का ज़िक्र होगा. क्योंकि 2006 में ही मास्टर प्लान आया था और इसी वजह से उस मास्टर प्लान के बाद से दिल्ली में जो भी अवैध निर्माण हुआ है उसकी भी शिकायत मिलने पर पड़ताल की जाएगी और अगर शिकायत सही पाई गई तो उन मामलों में भी कार्रवाई होगी.

ये भी पढ़ें
CRPF वाहन से कुचले युवक की मौत, श्रीनगर, बडगाम में इंटरनेट सेवाएं बंद
सिंगापुर में पीएम मोदी ने मरियम्मन और बौद्ध मंदिर में की पूजा, मस्जिद भी गए
पश्चिम बंगाल में दो कार्यकर्ताओं की हत्या पर बोली BJP, ‘यह पुलिस और TMC के गुंडों का षड्यंत्र’