नई दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दीदी बनाम मोदी की लड़ाई ने अफसरशाही को टेंशन में डाल दिया है. अदालत सियासी दलों के बीच बंगाल के सरकारी बाबू पिस रहे हैं. पश्चिम बंगाल में छिड़ा सियासी संग्राम हिंसा और खूनखराबे से निकलकर अब ये संग्राम आगे बढ़ निकला है. अब यह लड़ाई प्रशासनिक विवाद में बदल गई है, जिसकी गाज बंगाल के बाबुओं पर गिर सकती है. केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच चल रही तनातनी अब अदालत की दहलीज पर पहुंच सकती है. जानें इस मामले से जुड़ी दस बड़ी बातें...
1. पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर ये है कि अफसरशाही पर हक की लड़ाई अदालत में जा सकती है. गृह मंत्रालय आदेश ना मानने वाले पश्चिम बंगाल के 5 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह ले रहा है. इस बीच पश्चिम बंगाल पुलिस ने आयकर विभाग के तीन अधिकारियों को पुराने मामले में नोटिस जारी कर दिया है.
2. जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद राज्यपाल ने जो रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी. उस पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डीजीपी और मुख्य सचिव समेत पश्चिम बंगाल के पांच अधिकारियों को दिल्ली तलब किया था. इनमें से तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने निर्देश भेजे गए थे. लेकिन ममता सरकार ने इन पांचों अधिकारियों को दिल्ली भेजने से साफ तौर पर मना कर दिया है. पहले तीन अधिकारी दिल्ली नहीं आए और अब बाकी के बचे दो अधिकारियों भी दिल्ली में पेश नहीं हुए. अधिकारियों की इस गुस्ताखी पर गृह मंत्रालय अब बड़ा एक्शन लेने पर कानूनी सलाह ले रहा है. चर्चा है कि केंद्र सरकार इन अधिकारियों को निलंबित कर सकती है. लेकिन माना ये भी जा रहा है कि ममता सरकार उस निलंबन को अपने यहां लागू नहीं करेगी.
3. हालांकि राज्य सरकार केंद्र से सहमत न हो तब भी अंतिम फैसला केंद्र का ही होगा. फिर भी ये मुद्दा प्रशासनिक टकराव की वजह बन सकता है और इसकी शुरुआत सोमवार को हुई. सोमवार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने आयकर विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ का नोटिस जारी कर दिया. ये नोटिस एक साल पहले की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है लेकिन हैरानी की बात ये है कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत एक साल पहले ही वापस ले चुका है. लड़ाई सियासी है लेकिन इसमें अफसरशाही बुरी तरह फंस गई है.
4. भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियमावली, 1954 के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार के बीच किसी प्रकार की असहमति होने पर “संबंधित राज्य सरकार को केंद्र सरकार का निर्णय मानना होगा.” प्रतिनियुक्ति के नियमों के अनुसार किसी अधिकारी को, राज्य और केंद्र सरकार की सहमति से, केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार की सेवा के लिए या केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी या संघ आदि में प्रतिनियुक्त किया जा सकता है. नियमों के अनुसार, “किसी प्रकार की असहमति होने पर मामले पर निर्णय केंद्र सरकार लेगी और राज्य सरकार को उस निर्णय को लागू करना होगा.” भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय कैडर नियंत्रक प्राधिकरण है.
5. तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अपने तीन आईपीएस अधिकारियों को मुक्त करने के संबंध में "अंतिम फैसला" राज्य सरकार का होगा. साथ ही, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत पार्टी ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर भीड़ के हमले को लेकर अधिकारियों को बाहर स्थानांतरित करने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले को ‘डराने’ वाला करार दिया. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से एक पत्र भेजा गया है, जिसमें उक्त अधिकारियों को “ मुक्त करने के प्रति अनिच्छा” से अवगत कराया गया है.
6. जेपी नड्डा के काफिले पर जिस हमले से विवाद शुरू हुआ था, कैलाश विजयवर्गीय घायल हो गए थे. वैसा दोबारा ना हो, इसलिए केंद्र सरकार ने कैलाश विजयवर्गीय को बुलेट प्रूफ कार के साथ Z क्लास की सुरक्षा दी है. खबर है कि ममता सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने और हाल ही में पश्चिम बंगाल कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले शुभेंदु अधिकारी भी गृह मंत्रालय से मिली Z सुरक्षा में रहेंगे.
7. 10 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर डायमंड हार्बर इलाके में पथराव किया गया था, जिसकी वजह से काफिले में शामिल कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे. सूत्रों ने बताया कि इस हमले में विजयवर्गीय और भाजपा उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को चोटें आई थीं. बता दें कि नड्डा को भी ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) मुहैया कराता है और उन्हें भी बुलेट प्रूफ कार यात्रा करने के लिए मिली हुई है.
8. इधर बीजेपी भी दीदी के खिलाफ जनता की अदालत में आक्रामक हो गई है. बात घूम फिर कर इस पर आ जाती है कि दीदी के शासन में बंगाल महफूज नहीं ? जिसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी बीजेपी ने खुद को बताया. इसलिए राष्ट्रपति शासन की हवा भी खूब उड़ी लेकिन जानकार मानते हैं कि राष्ट्रपति शासन लगाकर बीजेपी सहानुभूति का वोट बैंक अपने हाथ से जाने नहीं देगी.
9. पश्चिम बंगाल में मचे सियासी तूफान के बीच जल्द ही गृहमंत्री अमित शाह बंगाल जाने वाले हैं. 19 दिसंबर को अमित शाह कोलकाता जाएंगे और 20 दिसंबर को गृह मंत्री शांति निकेतन का दौरा करेंगे. बाहरी बताकर ममता बनर्जी बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही हैं और ममता के उसी चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए बीजेपी के नेता पार्टी को बंगाली अस्मिता से जोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.
10. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखते हुए रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. नड्डा ने रविवार को ट्वीट करके बताया कि वह कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं. हाल ही में बंगाल में नड्डा के काफिले पर हमले के बाद नड्डा और बनर्जी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'भाजपा अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बारे में पता चला. उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करती हूं. मेरी दुआएं उनके और उनके परिवार के साथ हैं.'